विश्वयुद्ध की नींव रखने वाले युद्ध का मंडराने लगा खतरा
रूस-यूक्रेन का यह आपसी विवाद का मसला बेहद तनाव पूर्ण हालात के चलते अब इस स्तर तक पहुंच चुका है

पूरी दुनिया इस विवाद के चलते धीरे-धीरे अब दो धड़ों में बंटती स्पष्ट नज़र आ रही है, एक तरफ यूक्रेन के साथ खुलकर नाटो देश व अमेरिका खड़ा है, तो वहीं दूसरी तरफ रूस के साथ चीन व सोवियत संघ के हिस्सा रहे देश खड़े हुए हैं, दुनिया के हालात बेहद तनावपूर्ण बनते जा रहे है। क्योंकि अधिकांश देश अभी तो कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न मंदी के भयावह प्रकोप से उभर ही नहीं पाये है, ऊपर से यूक्रेन-रूस के तनाव के चलते दुनिया पर युद्ध के बादल मंडराने लग गये हैं। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण उत्पन्न संकट का असर वैश्विक बाजार पर स्पष्ट रूप से दिखने लग गया है, भारत भी अब इससे अछूता नहीं रहा है, इस विवाद के चलते भारत के घरेलू शेयर बाजार में भी कोहराम मच गया और सेंसेक्स करीब साढ़े पांच महीने के निचले स्तर पर आकर के लोगों की गाढ़ी कमाई को चंद मिनटों में ही डुबोने का काम कर गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों की राय माने तो रूस-यूक्रेन का यह विवाद देश के बहुत सारे सेक्टरों में जबरदस्त ढंग से महंगाई को बढ़ावा देने का कार्य करेगा, इसका व्यापक असर भारत में राजनीतिक, कूटनीतिक व आर्थिक रूप से हो सकता है, वैसे भी भारत की जनता जबरदस्त महंगाई के प्रकोप को लंबे समय से झेल कर बेहद परेशान है, जिसको आने वाले समय में रूस-यूक्रेन का विवाद और विकट बना सकता है।