विश्वयुद्ध की नींव रखने वाले युद्ध का मंडराने लगा खतरा – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

विश्वयुद्ध की नींव रखने वाले युद्ध का मंडराने लगा खतरा

0
वहीं अब रूस ने 18 फरवरी को “म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन” में अपने प्रतिनिधि ना भेजकर दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह यूक्रेन मसले पर किसी भी व्यक्ति व देश के दबाव में आसानी से नहीं आने वाला है। हालांकि रूस-यूक्रेन के बीच के विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर पहल जारी है, कूटनीतिक दावपेंच पक्ष-विपक्ष के द्वारा धरातल पर लगातार चले जा रहे हैं। वहीं कुछ देश इस मामले की गंभीरता को पहचान कर हर-हाल में युद्ध टालने के लिए कार्य कर रहे हैं, वहीं कुछ देश रूस से अपना वर्षों पुराने हिसाब-किताब को बराबर करने का ख्वाब लिए सार्वजनिक रूप से ऊलजुलूल ऊटपटांग बयानबाजी करके रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध की आग को भड़काने का कार्य कर रहे हैं। दूसरी तरफ हथियारों की तिजारत करने वाले कुछ ताकतवर देश युद्ध या उसके हालातों से अपने देशों की तिजोरी भरने की जुगत की रणनीति भी बनाने में लगे हुए हैं। लेकिन यह भी एक कटु सत्य है कि रूस-यूक्रेन सीमा पर युद्ध के माहौल के बीच हालात निरंतर बेहद तनाव पूर्ण बने हुए हैं, अमेरिका व नाटो की चेतावनी के बाद यूक्रेन हाई अलर्ट मोड पर है, वहां पर रूस के किसी भी प्रकार के हमले की स्थिति से निपटने की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी हैं, साथ ही रूस को माकूल जवाब देने के लिए भी नाटो देशों व अमेरिका के साथ मिलकर युद्ध की रणनीति बनाने का कार्य यूक्रेन कर रहा है, यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिकी सेना व नाटो देश के सैनिक युद्धभूमि में भूमिका निभाने के लिए तैयार बैठे हैं, अमेरिका का दुनिया के आधुनिक जंगी साजोसामान से लैस विध्वंसक “सांतवा जंगी बेड़ा” सागर की लहरों को चीरता हुआ दुनिया की नयी संभावित युद्धभूमि के लिए अग्रसर है। हालात ऐसे बन गये हैं कि किसी भी एक पक्ष की नादानी पूरी दुनिया को युद्ध में झोंक सकती है।

पूरी दुनिया इस विवाद के चलते धीरे-धीरे अब दो धड़ों में बंटती स्पष्ट नज़र आ रही है, एक तरफ यूक्रेन के साथ खुलकर नाटो देश व अमेरिका खड़ा है, तो वहीं दूसरी तरफ रूस के साथ चीन व सोवियत संघ के हिस्सा रहे देश खड़े हुए हैं, दुनिया के हालात बेहद तनावपूर्ण बनते जा रहे है। क्योंकि अधिकांश देश अभी तो कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न मंदी के भयावह प्रकोप से उभर ही नहीं पाये है, ऊपर से यूक्रेन-रूस के तनाव के चलते दुनिया पर युद्ध के बादल मंडराने लग गये हैं। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण उत्पन्न संकट का असर वैश्विक बाजार पर स्पष्ट रूप से दिखने लग गया है, भारत भी अब इससे अछूता नहीं रहा है, इस विवाद के चलते भारत के घरेलू शेयर बाजार में भी कोहराम मच गया और सेंसेक्स करीब साढ़े पांच महीने के निचले स्तर पर आकर के लोगों की गाढ़ी कमाई को चंद मिनटों में ही डुबोने का काम कर गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों की राय माने तो रूस-यूक्रेन का यह विवाद देश के बहुत सारे सेक्टरों में जबरदस्त ढंग से महंगाई को बढ़ावा देने का कार्य करेगा, इसका व्यापक असर भारत में राजनीतिक, कूटनीतिक व आर्थिक रूप से हो सकता है, वैसे भी भारत की जनता जबरदस्त महंगाई के प्रकोप को लंबे समय से झेल कर बेहद परेशान है, जिसको आने वाले समय में रूस-यूक्रेन का विवाद और विकट बना सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *