कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में एनडीए सरकार की नीतियों पर क़रारा हमला किया है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में एनडीए सरकार की नीतियों पर क़रारा हमला किया है. उन्होंने कहा कि न्यायापालिका, चुनाव आयोग, पेगासस आदि सब वो तरीके हैं जिनसे ‘यूनियन ऑफ स्टेट्स’ (संघीय ढांचे) की आवाज़ दबाई जा रही है.वे अर्थव्यवस्था से लेकर विदेश नीति तक, सभी विषयों पर बोले. उनकी स्पीच के कुछ अंश अब राजनीतिक बयानबाज़ी का सबब भी बन गए हैं.विदेश नीति पर राहुल गांधी ने कहा कि इस सरकार की ग़लतियों के कारण चीन और पाकिस्तान नज़दीक आ गए हैं. इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान ये भी कहा कि इस बार भारत में गणतंत्र दिवस के अवसर कोई विदेशी मेहमान नहीं आया.
कई बार सत्ता पक्ष के हस्तक्षेप के बीच चला राहुल गांधी का भाषण शुरू में अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा.
राहुल गांधी ने कहा, “दो भारत हैं. एक बेहद अमीर लोगों का. जिनके पास अथाह दौलत है, ताक़त है, जिन्हें नौकरी नहीं चाहिए, बिजली या पानी का कनेक्शन नहीं चाहिए लेकिन यही लोग इस देश को कंट्रोल करते हैं. और दूसरा भारत ग़रीबों का है.”
राहुल गांधी ने कहा, “देश के 100 लोगों के पास देश की 55 फ़ीसदी दौलत है. वहीं 10 लोगों के पास 40 प्रतिशत धन है. ये कैसे हुआ. ये आपने किया. जो दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, उसे सरकार जोड़ना शुरू करे. आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा के विरोध में उतरे छात्रों के आंदोलन का ज़िक्र करते हुए राहुल बोले, “इस भाषण में नहीं बताया गया कि रेलवे की नौकरी को लेकर क्या हुआ.”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “पिछले साल 3 करोड़ युवाओं ने रोज़गार खो दिए. पचास सालों में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी आज है. नया रोज़गार मिला नहीं, जो था वह ग़ायब हो गया. युवा रोज़गार मांग रहा है, सरकार दे नहीं पा रही है.”
सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “सरकार ने लघु और मध्यम उद्योगों को बंद कर दिया. आप मेड इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन ऐसा हो ही नहीं सकता. मेड इन इंडिया लघु और छोटे उद्योग ही हैं. इन्हीं से मेड इन इंडिया का सपना पूरा होगा. छोटे और मझोले उद्योग ही रोज़गार दे सकते हैं.”
राहुल गांधी देश के संघीय ढांचे पर भी बोले और कहा कि केंद्र और राज्य के बीच रिश्तों की अनदेखी हो रही है. राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को लगता है कि वह राज्यों को दबा सकती है, सरकार को इतिहास का ज्ञान नहीं है.
‘राहुल गांधी ने संसद में एक मणिपुर नेता से अपनी बातचीत के बारे में भी बताया. गांधी ने कहा कि इस नेता उन्हें गृह मंत्री अमित शाह के घर पर मुलाक़ात के विषय बताया.
राहुल गांधी ने कहा, “उस नेता ने बताया कि उनकी डेलिगेशन को घर से बाहर जूते खोलने के लिए कहा गया लेकिन जब वो खुद भीतर पहुंचे तो गृह मंत्री चप्पल पहने हुए थे.”जब राहुल गांधी ये बात बोल रहे थे तभी संसद के भीतर मंत्री पीयूष गोयल इसपर आतत्ति उठा रहे थे.असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी इस टिप्पणी करते हुए कहा, “मिस्टर राहुल गांधी जो लोग असम के नेताओं की मौजूदगी में अपने कुत्ते को बिस्कुट खिलाना पसंद करते हैं और फिर वही बिस्कुट मेहमानों को ऑफ़र करते हैं, उन्हें राजनीतिक व्यवहार पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. कांग्रेस के हाई कमान कल्चर को सारा भारत जानता है.”उनके भाषण के दौरान कुछ सांसदों ने आपातकाल पर सवाल उठाए, इसपर राहुल गांधी ने कहा, “मैं इमरजेंसी पर भी बोल देता हूं. मैं बोलने से नहीं डरता हूं. कांग्रेस ने देश को 1947 में राजशाही से मुक्त कराया था. लेकिन अब यह परंपरा फिर से आ गई है. अब एक राजा फिर से आ गया है. अब हिंदुस्तान में एक शहंशाह है.”पेगासस मामले पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि पीएम इज़रायल गए और पेगासस ले आए. और अब सरकार पेगासस से जासूसी करा रही है.