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भारत ने 470 फाइटर जेट तैयार करने की बनाई योजना, भारत आत्मनिर्भर बनने की राह पर

470 जेट में से 370 भारतीय वायु सेना के लिए तैयार किया जाना है. वहीं 100 ट्विन इंजन वाले जेट नौसेना के लिए भी बनाए जाएंगे

भारत ने 470 फाइटर जेट   तैयार करने की योजना बनाई है, जिसकी पहली सीरीज फरवरी 2024 तक लॉन्च की जा सकती है. पहली सीरीज में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क-1ए और मार्क-2 शामिल होंगे, जिसे अगले साल फरवरी में लॉन्च किया जा सकता है. ऐसे तो रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई परियोजनाएं पहले से ही चल रही है, लेकिन हालिया योजना के मुताबिक, 470 जेट में से 370 भारतीय वायु सेना के लिए तैयार किया जाना है. वहीं 100 ट्विन इंजन वाले जेट नौसेना के लिए भी बनाए जाएंगे. ये 470 जेट उन 114 जेट से अलग होंगे, जिन्हें भारतीय वायुसेना भारत में एक विदेशी भागीदार के साथ मिलकर बनाना चाहती है. वहीं, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) 83 तेजस मार्क-1ए जेट का भी उत्पादन कर रहा है. इस परियोजना में 108 तेजस मार्क-2 जेट शामिल हैं. परियोजना में उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के 126 जेट और नौसेना के लिए 100 ट्विन-इंजन डेक-आधारित लड़ाकू विमान शामिल हैं. इसके अलावा तेजस मार्क-1ए विमानों की संख्या करीब 50 हो सकती है. गौरतलब है कि, तेजस मार्क-1ए के बाद के सभी जेट जनरल इलेक्ट्रिक के 414 इंजन का इस्तेमाल करेंगे, जो 98 किलो न्यूटन का थ्रस्ट पैदा करेगा. एलसीए तेजस एमके-2, जो कि 17.5 टन वजनी होगा, और इस लड़ाकू विमान को उच्च थ्रस्ट वाले जीई एफ 414-आईएनएस 6 इंजन के साथ संचालित किया जाएगा. तेजस मार्क-2 की गति मैक 2 यानी 3457 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. एलसीए मार्क-2, जिसमें अधिक शक्तिशाली इंजन होंगे और मौजूदा तेजस पर कई गुना अपग्रेड होंगे, माना जा रहा है कि यह साल 2025 में अपनी पहली उड़ान भरेगा.

इसका स्वदेशी संचालन रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की एक प्रयोगशाला एरोनॉटिक्स डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा किया जा रहा है. इसी के तहत 126 AMCA और एयरक्राफ्ट की निर्माण भी किया जाना है. AMCA 5th जेनरेशन का एयरक्राफ्ट है, जिसका इस्तेमाल ज़रूरत के हिसाब से नेवी और वायुसेना दोनों करेंगी. इनके अलावा एचएएल और डीआरडीओ मिलकर नेवी के लिए भी एलसीए यानी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का निर्माण करेगी. जहां भारत अपनी आर्म फोर्स के लिये ये जंगी विमान बना रही है वहीं भारत में बने ये स्वदेशी तेजस अपना पंख अब विदेश में भी फैला रहे हैं. तेजस को खरीदने के लिये मिस्र और अर्जेंटीना जैसे देश अपना इंट्रेस्ट शो कर चुके हैं.

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