दहेज के लालच की भेंट चढ़ा फिर एक रिश्ता
समाज में सदियों से व्याप्त दहेज की कुप्रथा ने एक बार फिर पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है। दहेज के लालच की भेंट चढ़ा यह रिश्ता तीन माह भी नहीं चल सका।
वेल्डिंग का काम करने वाले खेड़ा निवासी रियाजुद्दीन ने 24 अक्तूबर 2020 को अपनी इकलौती पुत्री फरहा का निकाह धूमधाम से किया था। उन्होंने पुत्री के ससुरालियों की मांग पर अपनी हैसियत के हिसाब से कार समेत अन्य सामान दिया था। मृतका के परिजनों का आरोप है कि इससे दहेज के लालचियों का पेट नहीं भरा। आए दिन फरहा के साथ मारपीट की जाती थी। आखिर बृहस्पतिवार को उसकी हत्या कर दी गई।
मृतका के भाइयों के साथ भी ससुरालियों ने मारपीट की
फरहा की मौत की सूचना मिलने पर जब मायके पक्ष के लोग सुसराल में पहुंचे तो आरोप है कि ससुरालियों ने उनके साथ मारपीट कर दी। मृतका के चचरे भाई फिरोज को मारपीट में चोट भी लगी। मायके पक्ष के लोगों ने पुलिस को बताया कि जब वे फरहा की ससुराल पहुंचे तो वह मृत पड़ी थी। उन्होंने पूरे परिवार पर फरहा की हत्या करने का आरोप लगाया तो वे भड़क गए, जिसके बाद उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। आरोप लगाया कि मशकूर को बचाने के लिए ही परिवार वालों ने ही उसे कोतवाली पहुंचने की सलाह दी।
जिले में दो साल में 21 बेटियां चढ़ीं दहेज की बलि
रुद्रपुर। सरकार की ओर से किए जा रहे बेटी बचाओ अभियान और नारी सशक्तिकरण के दावे ऊधमसिंह नगर जिले में फेल साबित हो रहे हैं। जिले में दो साल में 21 बेटियां दहेज की बलि चढ़ा दी गईं।
बृहस्पतिवार को नए साल के पहले सप्ताह में ही रुद्रपुर के भदईपुरा क्षेत्र में दहेज के लिए नवविवाहिता फरहा की हत्या की घटना ने एक बार फिर लोगों को झकझोर दिया है। जिले में पिछले करीब दो साल की अवधि में यह दहेज हत्या की 21वीं शर्मनाक घटना है, जबकि जिले में वर्ष 2020 में दहेज हत्या के 19 केस दर्ज हुए थे। जिले वर्ष 2020 में दुष्कर्म की 142 केस दर्ज हुए थे। वर्ष 2021 में दुष्कर्म के 191 केस दर्ज किए गए। वर्ष 2020 में जिले में 63 महिलाओं के अपहरण हुए थे, जबकि 2021 में महिला अपहरण के 82 मामले दर्ज किए गए।