उत्तराखंड

घनसाली घुत्तू मोटर मार्ग पर यूटिलिटी खाई में गिरने से पांच लोगों की मौके पर ही मौत

जान पर भारी पड़ती पहाड़ी मार्गों पर वाहन चलाते समय तेज रफ्तार और असावधानी

टिहरी जिला भिलंगना ब्लॉक के घनसाली घुत्तू मोटर मार्ग पर गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यूटिलिटी खाई में गिरने से पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस वाहन में आठ लोग सवार थे। पुलिस प्रशासन की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है।

गुरुवार दोपहर पौखार के पास एक यूटिलिटी खाई में गिरने में से पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन घायलों को पिलखी अस्पताल लाया गया है। वाहन में सवार सभी लोग स्थानीय बताए गए हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त वाहन घनसाली से सौड़ गांव जा रहा था।

बता दें, पांच जून रविवार को उत्तरकाशी में भी एक बड़ा हादसा हो गया था। यहां चारधाम यात्रियों से भरी बस 200 फीट गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई जबकि चार घायल हुए थे। इनमें से 23 ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था जबकि तीन की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई।

यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया। साथ ही 2017 को गंगोत्री हाईवे पर हुई बस दुर्घटना की यादें ताजा कर दी। 21 मई 2017 को शाम के समय नालुपानी के समीप हुए बस हादसे में 30 लोगों की जान गई थी, जबकि एक बच्ची और एक व्यक्ति घायल हुए थे। मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनके शवों को चिन्यालीसौड़ सीएचसी में रखने की जगह तक नहीं मिली थी। तब भी दुर्भाग्य से तीर्थयात्री मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। तब भी शासन बड़ी संख्या में हुई यात्रियों की मौत का कोई ठोस कारण नहीं ढूंढ सका था। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़, व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल, अमित सकलानी आदि का कहना है कि सड़कें तो पर्याप्त चौड़ी हुई है, लेकिन हादसे नहीं रुक रहे हैं। जो कि चिंता का विषय है। 26 तीर्थयात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
पहाड़ी मार्गों पर वाहन चलाते समय तेज रफ्तार और थोड़ी सी भी असावधानी जान पर भारी पड़ती है। यमुनोत्री हाईवे पर अब तक हुई दो सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालकों की असावधानियां भी उजागर हुई। दोनों वाहन अन्य वाहन को पास देते समय असावधानी बरतने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। बीते कुछ रोज पहले यमुनोत्री हाईवे पर एक वाहन दुर्घटना ग्रस्त हुआ था, जिसमें तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। वाहन जिस स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
बीते 5-6 सालों में पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति पहले से काफी सुधरी है। ऑलवेदर रोड निर्माण के चलते सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ी है, लेकिन हादसे नहीं रुक रहे हैं। पहाड़ पर वाहन चालक की जरा सी चूक यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है। सरकार को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय लोगों की मांग पर विशेषज्ञ समिति का गठन कर ठोस कारणों को पता लगाना चाहिए।

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