मौत के आठ साल बाद हो सकता है राजेश सूरी हत्याकांड का पर्दाफाश!! – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

मौत के आठ साल बाद हो सकता है राजेश सूरी हत्याकांड का पर्दाफाश!!

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अधिवक्ता राजेश सूरी का लिखा बंद लिफाफा बुधवार को 20 साल बाद समिति के सामने खोला गया। इस लिफाफे पर उन्होंने ऊपर हाथ से लिखा हुआ है। हालांकि, भीतर पत्र में क्या है इसकी जानकारी समिति में शामिल राजेश सूरी की बहन को भी नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि एसआईटी की जांच के दौरान ही तथ्य उजागर हो सकते हैं।दरअसल, राजेश सूरी ने मौत से 20 साल पहले 2002 में जज क्वार्टर घोटाले की जांच के दौरान एडीएम वित्त को एक बंद लिफाफा दिया था। इसके बारे में राजेश ने कहा था कि यदि भविष्य में उनकी मौत होती है तो इस लिफाफे को खोलकर देख लिया जाए। नवंबर 2014 में राजेश की मौत हो गई और पांच दिसंबर को कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। बावजूद इसके पुलिस की जांच इस लिफाफे तक नहीं पहुंची।

राजेश की बहन रीता सूरी का कहना है कि इस लिफाफे के बारे में राजेश ने उनसे भी जिक्र किया था। राजेश ने कहा था कि इसमें कई ऐसे लोगों के नाम हैं जो उनकी हत्या करा सकते हैं। राजेश की मौत के लगभग 10 महीने बाद एसआईटी का गठन हुआ। एसआईटी ने 13 महीनों तक जांच करने का दावा किया, मगर इस लिफाफे को खुलवाने की जहमत नहीं उठाई। एसआईटी ने मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इसके बाद एक और एसआईटी का गठन 2019 में किया गया, लेकिन इस एसआईटी ने भी इस लिफाफे को खुलवाने की जहमत नहीं उठाई। वर्तमान में तीसरी बार एसपी क्राइम विशाखा अशोक भड़ाने के नेतृत्व में जांच चल रही है। उन्होंने गत 10 जनवरी को जिलाधिकारी से इस लिफाफे को खुलवाने का आग्रह किया था।
जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने सोमवार को एसडीएम वित्त केके मिश्रा, एसपी क्राइम भड़ाने, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी और रीता सूरी (मुकदमे की वादी) को शामिल करते हुए समिति का गठन किया। बुधवार सुबह इस समिति के सामने इस लिफाफे की सील खोली गई। बताया जा रहा है कि इस लिफाफे के ऊपर तो राजेश सूरी ने हाथ से लिखा है। अंदर ,कंप्यूटर टाइपिंग या टाइपराइटर से इस बारे में जानकारी नहीं मिली है। रीता सूरी ने भी इस लिफाफे में रखे पत्र को पढ़ना चाहा, लेकिन जांच का हवाला देते हुए उन्हें यह लिफाफा नहीं दिखाया गया।
अधिवक्ता राजेश सूरी की बहन इस लिफाफे को लेकर बहुत ही आश्वस्त थीं कि उनके भाई की मौत का राज खुल सकता है। ऐसे में वह बार-बार एसआईटी व पुलिस से आग्रह कर रही थी कि इस लिफाफे को खुलवाया जाए, लेकिन किसी भी जांच अधिकारी ने इस लिफाफे को खुलवाने की जरूरत नहीं समझी। राजेश सूरी जो लिफाफा छोड़ कर गए थे उसके बारे में माना जा रहा कि उनकी मौत का राज खुल सकता है। साथ ही तमाम घोटालों के कर्ता-धर्ता भी सामने आ सकते हैं।

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