फायर सर्विस एवं आपात सेवा ने पिछले साल 603 लोगों की विभिन्न हादसों में बचाई जान
उत्तराखंड : शनिवार को अग्निशमन सेवा सप्ताह के कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अग्निशमन सेवा केवल अग्निकांड में ही नहीं बल्कि किसी भी हादसे में फर्स्ट रिस्पांडर यानी सबसे पहले पहुंचने वाली होती है। अपने इसी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए फायर सर्विस एवं आपात सेवा ने पिछले साल 603 लोगों की विभिन्न हादसों में जान बचाई है। पुलिस लाइन में हुए कार्यक्रम में ऑयल फायर, घरेलू एलपीजी सिलेंडर में लगी आग, इंडस्ट्रीयल हैजार्ड में क्लोरीन गैस लीकेज, हाईराइज बिल्डिंग से रेस्क्यू का डेमो देने के साथ-साथ पानी से तिरंगा बनाकर प्रदर्शन किया। उत्तराखंड बनने से अब तक 2852 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति को आग से बचाया गया। 38141 फायर कॉल और 5748 रेस्क्यू कॉल के दौरान 16237 मनुष्यों और 4319 पशुओं का जीवन बचाया है। फायर सर्विस अग्निशमन कार्य करने साथ-साथ रेस्क्यू कार्य, राहत बचाव कार्य, वीवीआईपी अग्नि सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी की जिम्मेदारी है। डीजीपी अशोक कुमार ने हाल में ही त्यूणी में दर्दनाक अग्निकांड में मासूम बच्चों की मौत पर दुख जताया। कहा की ये हादसा पीड़ा दायक रहा है। इस घटना से एक बार फिर हमें आग के प्रति अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। उद्योगों, वाणिज्यिक परिसरों, शैक्षणिक संस्थानों और बहुमंजिला इमारतों में कार्य करने वाले व्यक्तियों के साथ ही भवन मालिकों से अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन करने की अपील की गई। फायर सर्विस नीरू गर्ग ने बताया कि अलग-अलग संस्थानों में अग्नि सुरक्षा पर मॉकड्रिल और जन जागरूकता कार्यक्रम कर एक लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया गया है। कार्यक्रम में एडीजी अमित कुमार सिन्हा, एडीजी डॉ. वी मुरूगेशन, एडीजी एपी अंशुमान सहित पुलिस के अन्य अधिकारी, इंडस्ट्रीयल और होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी, एनसीसी कैडेट्स, सिविल डिफेंस से जुड़े लोग मौजूद रहे।