राजनीती

कांग्रेस को नहीं मिल रहीं महिला प्रवक्ता

रायबरेली में एकमात्र शाबिस्ता को प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। इसके अलावा पार्टी को अभी तक कोई और महिला प्रवक्ता नहीं मिली हैं।

कांग्रेस ने आगरा और झांसी मंडल के परीक्षा परिणाम घोषित किए। जिनमें 16 लोगों का चयन किया गया। हालांकि इसमें एक भी महिला शामिल नहीं है। इससे पहले लखनऊ मंडल के परिणाम घोषित हुए थे और वहां पर भी दस में से केवल एक महिला का ही चयन हुआ था। वहीं झांसी में भी एक भी महिला नहीं है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनाव का बिगुल बज चुका है। ऐसे में राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को जमीन पर उतारने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। वहीं विधानसभा चुनाव में महिलाओं की 40 फीसदी भागीदारी का वादा करने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की राह आसान नहीं है। क्योंकि कांग्रेस ने प्रदेश के हर एक जिले में प्रवक्ताओं की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया था और इसमें 2 फीसदी महिलाओं ने भी हिस्सा नहीं लिया। दरअसल, कांग्रेस ने हर जिले में प्रवक्ता और मीडिया कोऑर्डिनेटर की एक फौज तैयार करने के लिए एक परीक्षा का आयोजन किया था। ऐसे में पार्टी के साथ जुड़ने के लिए लिखित और इंटरव्यू दोनों को ही पास करने का लक्ष्य रखा गया था। कांग्रेस ने सोमवार को आगरा और झांसी मंडल के परीक्षा परिणाम घोषित किए। जिनमें 16 लोगों का चयन किया गया। हालांकि इसमें एक भी महिला शामिल नहीं है। इससे पहले लखनऊ मंडल के परिणाम घोषित हुए थे और वहां पर भी दस में से केवल एक महिला का ही चयन हुआ था। वहीं झांसी के जो परिणाम सामने आए हैं। उसमें भी एक भी महिला नहीं है। आपको बता दें कि रायबरेली में एकमात्र शाबिस्ता को प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। इसके अलावा पार्टी को अभी तक कोई और महिला प्रवक्ता नहीं मिली हैं।

नहीं मिल रहीं महिला उम्मीदवार

कांग्रेस को महिलाओं को टिकट देने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। आपको बता दें कि स्क्रीनिंग कमेटी के पास गिनी-चुनी महिलाओं के ही आवेदन आए थे। दरअसल, कांग्रेस ने सभी आवेदकों को 15 नवंबर तक आवेदन करने को कहा था। इसके लिए आवेदकों को 11,000 रुपए की डीडी भी देनी पड़ी है। जब आवेदकों की स्क्रूटनी शुरू हुई तो महिला आवेदकों की संख्या काफी ज्यादा कम थी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कहां से 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने के लिए लेकर आती है।

लड़की हूं, लड़ सकती हूं

कांग्रेस महासचिव ने विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के वादे के साथ ही ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कैंपेन की भी शुरुआत की थी। जिसके तहत प्रदेशभर में महिला मैराथन को आयोजित किया गया। हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पार्टी ने सभी मैराथन को स्थगित कर दिया था और फिर बाद में सभी प्रकार की सभाओं, रैलियों पर रोक लग गई। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होंगे। जबकि 10 मार्च को चुनाव परिणाम सामने आएंगे, जिसमें उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा।

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