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आतंक पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन का तगड़ा प्रहार, बिट्टा कराटे की पत्नी समेत चार लोग सरकारी सेवा से बर्खास्त

जम्मू कश्मीर में लगातार आतंकवाद के खिलाफ तगड़ा प्रहार जारी है। जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने वाले लोगों के खिलाफ तो कार्रवाई लगातार हो ही रही है। साथ ही साथ उन लोगों पर भी एक्शन लिया जा रहा है जो सरकारी नौकरी तो कर रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं आतंकियों के साथ में खड़े दिखाई देते हैं। इसी कड़ी में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 4 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। जिन चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है उनमें बिट्टा कराटे की पत्नी और सैयद सलाउद्दीन के बेटे समेत चार कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी को टेरर इकोसिस्टम में संलिप्त पाया गया है। यही कारण है कि इन्हें सरकारी सेवाओं से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।

जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के टॉप आतंकवादी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की पत्नी अस्सबाह-उल-अर्जमंद खान जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा में अधिकारी थी और ग्रामीण विकास निदेशालय में कार्यरत थी। वहीं सैयद सलाउद्दीन का बेटा सैयद अब्दुल मुईद उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधक था। सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना है। जिन और दो लोगों को बर्खास्त किया गया है उनमें डॉ.मुहीत अहमद भट्टजो कि कश्मीर विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक डी के तौर पर पोस्टर था और जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय में ही सहायक प्रोफेसर हुसैन कादरी भी शामिल है। आपको बता दें कि बेटा के आतंकवादी संगठनों समेत आईएसआई के साथ गहरे संबंध है। वह कट्टर अलगाववादी नेता भी है।

इस सभी बातों की जानकारी अधिकारियों ने दी है। उन्होंने बताया कि सभी चारों कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत बर्खास्त किया गया है जिसमें सरकार को बिना किसी जांच के अपने कर्मचारी को निष्कासित करने की शक्ति प्राप्त है। अधिकारियों ने बताया कि फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे इस समय आतंकवादवित्तपोषण मामले में न्यायिक हिरासत में है।

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