कैबिनेट विस्तार के बाद शिंदे खेमे में दरार? मंत्री न बनाये जाने पर विधायक ने उद्धव को बताया महाराष्ट्र का कुटुंब प्रमुख – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

कैबिनेट विस्तार के बाद शिंदे खेमे में दरार? मंत्री न बनाये जाने पर विधायक ने उद्धव को बताया महाराष्ट्र का कुटुंब प्रमुख

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अब महाराष्ट्र की राजनीति की एक सबसे बड़ी खबर आई है। क्या सीएम एकनाथ शिंदे के साथ गए शिवसेना विधायक संजय शिरसत वापस उद्धव ठाकरे के पास जा रहे हैं? इस सवाल के पीछे की वजह है संजय शिरसाट का हालिया ट्वीट। इस ट्वीट ने एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है। संजय शिरसाटने अपने ट्वीट में उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के परिवार का मुखिया बताया है। उन्होंने उस ट्वीट के साथ विधानसभा में उद्धव ठाकरे का एक भाषण भी अटैच किया है। इसमें उद्धव ठाकरे कहते नजर आ रहे हैं कि हम वादा निभाएंगे और दिए गए वचन को सच करेंगे। हाल ही में हुए कैबिनेट विस्तार में संजय शिरसाट का नाम नहीं है। ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि क्या संजय शिरसाट को मंत्री पद का वादा किया गया और वह वादा पूरा नहीं हुआ।

हालांकि मामला चर्चा में आते ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। सफाई देते हुए इस ट्वीट को तकनीकी खराबी बताया है। एक मराठी न्यूज चैनल से बात करते हुए शिरसाट ने कहा कि शिंदे समूह में हम सभी बहुत खुश हैं। इस ट्वीट के बारे में बात करते हुए शिरसाट ने कहा, मैंने जो ट्वीट किया है, उद्धव ठाकरे साहब ने महाराष्ट्र विधानसभा में भाषण दिया था। उस भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र के परिवार के मुखिया की भूमिका के बारे में बात की थी। आज भी मेरा यह मत है कि यदि आप परिवार के मुखिया की भूमिका निभा रहे हैं तो आपको कहीं न कहीं परिवार की राय को ध्यान में रखना चाहिए था। आपको अपने परिवार की राय के बारे में सोचना चाहिए था न कि अपनी राय के बारे में। इसके पीछे का अर्थ यह था कि आपको परिवार की राय का सम्मान करना चाहिए। शिरसाट ने कहा कि मैंने ट्वीट किया कि वह परिवार का मुखिया हैं, हमने उसे हमेशा परिवार का मुखिया माना है, लेकिन उन्होंने उस समय हमारी एक नहीं सुनी और आज जो स्थिति हुई उसके लिए हमें भी खेद है।

शिरसाट ने अपने ट्वीट को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने यह ट्वीट इसलिए नहीं किया क्योंकि मुझे मंत्री पद नहीं मिला। मैं मंत्री पद का भूखा नहीं हूं। मैं सिद्धांत का आदमी हूं। पिछले तीन महीनों में मैंने हर बार अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की है।

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