उत्तराखंड

सरकार की लापरवाही के कारण डेंगू मरीज़ों को लूट रहे हैं निजी अस्पताल : आर्येन्द्र शर्मा

कीटनाशक दवाओं के ना छिड़के जाने से डेंगू महामारी के रूप में सामने आ रहा है

देहरादून में डेंगू मौजूदा भाजपा सरकार के लिए चिंता नहीं बल्कि चिंतन का विषय बनता जा रहा है. एक तरफ सरकार की लापरवाही से डेंगू मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है. अस्पताल भरे पड़े हैं, सरकार सो रही है. कीटनाशक दवाओं के ना छिड़के जाने से डेंगू महामारी के रूप में सामने आ रहा है. दूसरी तरफ सरकार की नजरअंदाजी से पीड़ित जनता को निजी अस्पताल जमकर लूट रहे हैं. निजी लैब और अस्पतालों में वसूली का खेल चालू है.


डेंगू का ख़ौफ़ दिखाकर टेस्ट में गड़बड़ी की जा रही है. फिर उसी मरीज़ को अस्पताल में भर्ती कर के भारी भरकम बिल बनाया जा रहा है. जो कि दो से तीन लाख तक जा रहा है. अस्पताल मालिक अपनी मनमानी कर आपदा में अवसर खोज रहे हैं और मरीज़ों को भर्ती करने के लिए प्रति व्यक्ति बैड का बिल आठ-दस हज़ार रुपये तक मरीज़ों को थमाया जा रहा है.
जिस तरह प्रदेश की भाजपा सरकार कोरोना काल में फेल साबित हुई थी ठीक इसी तरह डेंगू के भयंकर प्रकोप के बाद भी सरकार सो रही है और अपनी विफलता को छुपाने की कोशिश कर रही है.

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