राज्य के जंगल वनाग्नि की चपेट में, धू-धू कर जल रहे – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

राज्य के जंगल वनाग्नि की चपेट में, धू-धू कर जल रहे

0

राज्य के जंगल वनाग्नि की चपेट में, धू-धू कर जल रहे

देहरादून,  प्रदेश में 15 फरवरी से शुरू हुए फायर सीजन में अब तक 313 वनाग्नि की घटनाएं घट चुकी हैं। उत्तराखंड के जंगलों में आग हर साल आने वाली ऐसी आपदा है, जिसमें इंसानी दखल मुख्य कारण माना जाता है। हर साल यहां सैकड़ों हेक्टेयर जंगल आग से खाक हो जाते हैं और इससे जैव विविधता, पर्यावरण और वन्य जीवों का भारी नुकसान होता है।

इस बार भी बढ़ते तापमान के कारण वनाग्नि की घटनाएं लगाता बढ़ती जा रही हैं। यदि समय पर बारिश नहीं हुई तो स्थिति बीते वर्ष की यादों को ताजा कर सकती हैं। जिस हिसाब से जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे बीते वर्ष की यादें ताजा हो रही हैं। वर्ष 2021 में प्रदेश में बीते 12 वर्षों में सर्वाधिक 2813 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं थीं। जिसमें 3943.88 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ था। जबकि लाखों रुपये की क्षति का आकलन किया गया था। वनों की आग पर काबू पाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों को मोर्चे पर उतारना पड़ा था। वर्ष 2021 में बीते 12 वर्षों में सर्वाधिक आग की घटनाएं रिपोर्ट की गई थीं। हालांकि इससे ठीक एक वर्ष पहले 2020 में वनाग्नि की बीते 12 सालों में सबसे कम मात्र 135 घटनाएं दर्ज की गई थीं। तब इसके लिए कोराना के कारण लगे लॉकडाउन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही समय-समय पर बारिश भी होती रही। इससे पहले वर्ष 2012 में आग की 1328, वर्ष 2016 में 2074, वर्ष 2018 में 2150 और वर्ष 2019 में 2158 पांच बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed