विधानसभा में भी बदली जा रही पार्थ की सीट, अब नहीं बैठ पाएंगे CM ममता के बगल वाली सीट पर
एसएससी भर्ती घोटाले मामले में ईडी की कड़ी कार्रवाई का सामना कर रहे पश्चिम बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के सितारें इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। पार्ठ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से नोटों का पहाड़ मिलने के बाद ईडी की गिरफ्तारी, फिर ममता सरकार से बर्खास्तगी के बाद अब उन्हें एक और झटका लग सकता है। विधानसभा हॉल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बगल वाली सीट से पार्थ चटर्जी को हटाया जा रहा है। हाल ही में विधानसभा के सूत्रों से इस बात का पता चला है। उनकी सीट भी वहां से हटाई जा रही है जहां से मंत्री सत्र कक्ष में ट्रेजरी बेंच पर बैठते हैं। तृणमूल के विधायक जहां भी बैठेंगे, उन्हें एक सीट आवंटित की जाएगी। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल का विस्तार कर उसमें फेरबदल किया था। कार्यालयों में फेरबदल के बाद पुराने मंत्रियों में मुख्यमंत्री प्रखंड को ट्रेजरी बेंच में सीट देने का प्रयास किया जा रहा है, जिनका महत्व धीरे-धीरे बढ़ गया है।
पार्थ की तरह अभी-अभी पूर्व मंत्री बने तीन मंत्रियों के लिए तृणमूल विधायकों के बीच सीटों का फैसला होगा। पार्थ के अलावा मेखलीगंज के विधायक परेश अधिकारी, देबरा के विधायक हुमायूं कबीर, तमलुक सौमेन महापात्रा के विधायक, जिनकी सीटें बदली जा रही हैं। 2011 में तृणमूल के सत्ता में आने के बाद से मुख्यमंत्री के बगल वाली सीट पार्थ के लिए आरक्षित थी। वह 11 साल से उस सीट पर बैठे हैं। इस बार उन्हें उस जगह से हटाया जा रहा है। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि पार्थ राज्य के महत्वपूर्ण कार्यालयों और परिषद कार्यालय के प्रभारी भी थे।
इसलिए उन्हें काम की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री के बगल वाली सीट दी गई। लेकिन, अब जब वह कैबिनेट में नहीं हैं, तो उनके लिए मुख्यमंत्री के बगल में बैठने का कोई कारण नहीं है। इसलिए सूत्रों के मुताबिक उनकी जगह मुख्यमंत्री के बगल में एक अहम मंत्री को सीट दी जाएगी। विधानसभा सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के बगल की सीट राज्य के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम को दिए जाने की संभावना है. हालांकि इस मामले पर अब विधानसभा के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।