उत्तराखंड

महिलाओं के प्रति समाज में अच्छी सोच बनाने के लिए आवश्यक है कि महिलाओं की सफलता की कहानियों को जन-जन तक पहुंचाया जाए : स्वाति एस. भदौरिया

उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरूषों के बराबर ही नहीं बल्कि उनसे कहीं आगे हैं

 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखण्ड की मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया के गतिशील नेतृत्व में इस कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर की आशा कार्यकत्री से लेकर राज्य एनएचएम इकाई में योगदान देने वाली सभी महिला फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करना था। मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया ने सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया और मातृ स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए गर्भवती महिलाओं को पोषण किट का वितरण किया गया। इस अवसर पर एनएचएम के निदेशक डाॅ आर के सिंह द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का धन्यवाद अदा किया गया। राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में आयोजित इस उत्सव में निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, निदेशक एनएचएम, समस्त प्रभारी अधिकारी एवं यूएसएआईडी टीम, एनएचएम इकाई में योगदान देने वाली सभी महिला फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के अलावा गणमान्य व्यक्तियों और कार्यालय की समस्त महिला और पुरुष कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखण्ड की मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया ने कहा महिलाएं आज जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता के नए कीर्तिमान रच रही हैं। “महिलाऐं समाज, राष्ट्र और सृष्टि की सृजनकर्ता है। हम एक दिन क्या पूरे वर्ष भी महिलाओं के लिए आयोजन करें तो कम है। उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरूषों के बराबर ही नहीं बल्कि उनसे कहीं आगे हैं। वैसे तो महिलाएं स्वयं काफी सशक्त हैं लेकिन आज के इस कार्यक्रम से महिलाओं में और जागरूकता आएगी। उन्होंने कहा कि यदि एक बालिका पढ़ लिख लेती है तो वह अपने परिवार का ही नहीं संपूर्ण समाज का भला करती है। आज हमारे सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं जिसमें सबसे बड़ी लिंगानुपात है। इसे बराबर करने में प्रत्येक महिला एवं पुरूष की बराबर भागीदारी है। महिलाओं के प्रति समाज में अच्छी सोच बनाने के लिए आवश्यक है कि महिलाओं की सफलता की कहानियों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। हमारे देश में आदिकाल से ही नारी शक्ति को पूजनीय माना गया है। आप पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाएं भी पीछे नहीं है वह कृषि, पशुपालन, सिलाई, मशरूम उत्पादन आदि का व्यवसाय कर अपने परिवारों को समृद्ध बनाने के साथ-साथ रोजगार सृजन और वित्तीय आधार को मजबूत करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्क्ष पर मातृ एवं बाल स्वास्थ्य की प्रभारी अधिकारी डॉ. उमा रावत द्वारा स्वस्थ महिला, स्वस्थ बच्चा के बारे में तथा महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और महिलाओं के स्वास्थ्य और अगली पीढ़ी के उज्जवल भविश्य की षुभ-कामना की गयी।

मातृ स्वास्थ्य के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नितिन अरोड़ा द्वारा मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बहुमुखी आयामों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में योगदान दिया। उपस्थित लोगों को शामिल करने और शिक्षित करने के लिए उन्होंने एक व्यावहारिक प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया, जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य और मातृ कल्याण के ऐसे पहलुओं पर चर्चा की गयी, जिन पर कम वार्ता होती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह ने हर स्तर पर महिलाओं को पहचानने, सराहना करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। महिला फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए और स्वस्थ महिलाओं और स्वस्थ बच्चों के बीच अभिन्न संबंध पर जोर देकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड ने पूरे राज्य में मातृ कल्याण को बढ़ावा देने के लिए अपना समर्पण दोहराया। इस मौके स्वास्थ्य महानिदेशालय की निदेशक डाॅ सुनीता टम्टा ने कहा जैसा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड महिलाओं के स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखता है, यह आयोजन एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता प्रदर्षित करता है और समग्र स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने के व्यापक लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button