नामी कंपनियों की आड़ में नकली दवाइयां बनाने वाले गिरफ्तार !!!
हरिद्वार में एक बार फिर एसटीएफ ने नकली दवाई बनाने वालों को गिरफ्तार किया है । उत्तराखंड में यह एक दो कार्रवाई नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई बार नकली दवाएं पकड़ी गई हैं। वर्ष 2018 में हरिद्वार में ही कई इलाकों में पुलिस और अन्य विभागों ने नकली दवाओं का भंडाफोड़ किया था। उस वक्त भी करोड़ों रुपये का कच्चा माल बरामद हुआ था। साथ ही साल के शुरूआत में ऊधमसिंह नगर में बड़ी कार्रवाई की गई थी। हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में गुरुवार को फिर नकली दवाओं का बड़ा जखीरा पकड़ा गया है। एसटीएफ ने वहां पांच गोदामों में छापे मारे थे। वहां से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जबकि एक अन्य भाग निकला। एसटीएफ ने गोदामों से लाखों रुपये का कच्चा माल बरामद किया है। ये दवाएं नामी कंपनियों के लेबल लगाकर बनाई जा रही थीं। बीते एक दशक में उत्तराखंड में दवा निर्माताओं ने अपनी फैक्टरियां खोली हैं। यहां पर बड़ी मात्रा में नामी कंपनियां कई दवाएं बना रही हैं। यहां काम सीखने के बाद कुछ लोग दवाएं बनाने की बारीकियों को समझ जाते हैं। इसके बाद असली साल्ट को न लेकर कुछ नकली मिलाकर हुबहू दवाएं बनाई जाती हैं। एसटीएफ भी कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है। नकली दवाओं पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने भी कुछ फैसले लिए हैं। एपीआई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स) क्यूआर कोड लगाना जरूरी कर दिया गया है। स्कैन करने के बाद चंद सेकेंड में ही दवा की हकीकत सामने आ जाएगी। यह नियम एक जनवरी से लागू किया जाएगा। हालांकि, कुछ कंपनियों ने अपनी दवाओं के स्ट्रीप पर टोल फ्री नंबर आदि लिखने भी शुरू कर दिए हैं। एसटीएफ की कार्रवाई में नामी कंपनी की कुछ प्रसिद्ध दवाओं से मिलती जुलती दवाएं पकड़ी हैं। ज्यादातर दवाएं बिना डॉक्टर के पर्चे पर भी लोग मेडिकल स्टोर से खरीद लेते हैं। इनमें सर्दी, जुकाम, खासी, दस्त लगने, बुखार आदि की दवाएं शामिल हैं।