स्थिति जैसी भी हो, लोगों के लिए लड़ना और उन्हें न्याय दिलाना हमारा वादा था और वादा रहेगा : सचिन पायलट
दौसा : दौसा के गुर्जर छात्रावास में अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में पायलट ने पेपर लीक मामले में अभ्यर्थियों के लिए मुआवजे की उनके द्वारा उठाई गई मांगों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर परोक्ष हमला भी किया।
पिछले महीने पायलट ने पेपर लीक मामले में उम्मीदवारों के लिए मुआवजे, राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पुनर्गठन और पूर्व वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि राजनीति में बहुत लोग आते हैं, प्रधान, प्रमुख, विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनते हैं और लोग आते-जाते रहते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि हम किसी भी पद पर हों या न हों, जनता हमेशा तौलती है कि हम जो कहते हैं क्या हम उसे पूरा करते हैं। जनता के बीच विश्वसनीयता पहली प्राथमिकता है। विश्वसनीयता राजनीति की सबसे बड़ी पूंजी है।”
उन्होंने कहा, “मैं पिछले 20-22 वर्षों से राजनीति में हूं और मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे ऐसा लगे कि विश्वास में कमी आ गयी हो। आपका भरोसा मेरे लिए सबसे बड़ी पूंजी है, मैं इसे कभी कम नहीं होने दूंगा।”
उन्होंने कहा, “मेरी आवाज़ की बुलंदी में कोई कमी तो नहीं है, मेरा जो विश्वास है और जो वादा है उस पर न मैं पहले पीछे हटा न अब हटने वाला हूँ । स्थिति जैसी भी हो, लोगों के लिए लड़ना और उन्हें न्याय दिलाना हमारा वादा था और वादा रहेगा।”
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने अपनी पांच दिवसीय जयपुर-अजमेर ‘जन संघर्ष यात्रा’ के समापन पर पायलट ने भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दे पर सरकार के समक्ष तीन मांगें रखीं। तब गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना कहा था कि पेपर लीक से पीड़ित उम्मीदवारों के लिए मुआवजे की मांग ‘मानसिक दिवालियापन’ का संकेत है।
पायलट ने रविवार को कहा कि गरीबों और युवाओं की मदद के लिए दिल बड़ा होना चाहिए । उन्होंने कहा कि इतना खजाना है कि गरीबों और युवाओं की मदद की जा सकती है।
कांग्रेस नेता ने कहा जब वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे तब उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे साल के 365 दिन विरोध किया था लेकिन कभी उनके मुँह से कोई छोटी बात या अपशब्द नहीं निकला। उन्होंने कहा ”वह उम्र में बड़ी हैं लेकिन मैं आज भी कहता हूँ आपने खान आवंटित की थी.. चोरी पकड़ी गयी तो उसे आपने रद्द कर दी लेकिन आवंटन तो किया था ना .. उसका तो लेखा जोखा होना पड़ेगा। हर गलती की सजा तो होती ही है।”
उन्होंने कहा, ”हम आपस में कुछ भी बात करें, लेकिन सबसे बड़ा न्याय देने वाला ‘नीली छतरी वाला’ वाला है, आज नहीं तो कल न्याय होगा।” उन्होंने अपने पिता राजेश पायलट को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा दृढ़ता से बोलते थे और इसलिए वह किसी भी पद पर हों या न हों, करोड़ों लोग उनकी बात सुनते थे।
उन्होंने कहा कि उनके पिता ने राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने अपने आदर्शों और स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं किया और अपनी कार्यशैली से अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने कहा ”आज इस देश को निडर होकर बोलने, सच्चाई और ईमानदारी का साथ देने और विपरीत परिस्थितियों में भी समझौता नहीं करने वाले की जरूरत है।” पायलट ने कोटा के एक अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए था और अगर नियम में कोई कमी या गलती थी तो उसे ठीक किया जाना चाहिए।
पायलट उपमुख्यमंत्री रहने के दौरान जनवरी 2020 में कोटा के एक अस्पताल में शिशुओं की मौत पर अपनी प्रतिक्रिया का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा”मैंने यह बात किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं कही; मुझे लगा कि सैकड़ों नवजात मर रहे हैं।मैं मानता हूं कि एक भी मौत नहीं होनी चाहिए, स्थिति में सुधार होना चाहिए। आज कोटा में एक अच्छा अस्पताल बन गया है और मौतें रुक गई हैं। इसलिए राजनीति के बारे में बात करना बहुत जरूरी है।”