यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों को सता रही बच्चों की सुरक्षा की चिंता – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों को सता रही बच्चों की सुरक्षा की चिंता

0

यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के दिल बंकर के सहारे धड़क रहे हैं। इधर, रूस के हमले के बाद परिजनों की सांसें भी अटकी हुई हैं। वे लगातार फोन पर बातचीत कर हालचाल ले रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से छात्रों की सुरक्षित घर वापसी की गुहार लगाई है। फंसे छात्रों का कहना है कि सरकार ने बंकर बनाकर दिए हैं और कहा है कि हालात बिगड़ने पर इनमें छिप जाएं।

हरिद्वार जिले के मंगलौर क्षेत्र के कई छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को रूस ने यूक्रेन पर हवाई हमला बोला तो परिजनों को बच्चों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। मोहल्ला मलकपुरा निवासी जमीर हसन अंसारी ने बताया कि उनका बेटा अरीब अंसारी यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहा है। अरीब का एमबीबीएस में पांचवां वर्ष है। 26 फरवरी को अरीब ने भारत आने के लिए टिकट बुक कराया था, लेकिन अब सभी फ्लाइटें बंद हो चुकी हैं। गदरजुड्डा निवासी जयराम देशवाल ने बताया कि उनका बेटा शुभम देशवाल भी यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है और उसका छठा साल है।

यूक्रेन पर हमले के बाद वह लगातार बेटे के संपर्क में हैं। शुभम ने बताया है कि युद्ध से हालात गंभीर हो गए हैं। इसी तरह ग्राम लहबोली निवासी जावेद
अहमद ने बताया कि उनका बेटा नूर आलम भी यूक्रेन से एमबीबीएस कर रहा है और उसका चौथा साल है। वह लगातार बेटे से फोन पर संपर्क में हैं। मोहल्ला किला निवासी मोहम्मद नदीम की बेटे मोहम्मद राहिम से युद्ध के बाद वीडियो कॉल पर बातचीत हुई है। मोहल्ला मिर्दगान निवासी फैजान खान ने बताया कि उनका बेटा अदनान भी यूक्रेन से एमबीबीएस कर रहा है। फोन पर बातचीत हुई थी तो उसने खुद को सुरक्षित बताया। सभी ने केंद्र सरकार से बच्चों को सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई है।
पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन और रूस के बीच चली आ रही तनातनी के बीच सभी  छात्रों के अभिभावकों ने उनके टिकट बुक करा दिए थे। इसके लिए एंबेसी से भी हरी झंडी मिल चुकी थी, लेकिन रूस की ओर से यूक्रेन के एयरबेस पर किए गए हमले से स्थिति गंभीर हो गई है।
भाजपा नेता एवं सांसद प्रतिनिधि जमीर हसन अंसारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से यूक्रेन में फंसे छात्रों को सुरक्षित घर लाने की मांग की। सांसद ने उन्हें आश्वासन दिया कि पीएमओ, गृह मंत्रालय और एंबेसी से संपर्क किया गया है। केंद्र सरकार छात्रों की घर वापसी के लिए प्लान बना रही है। बताया गया है कि एयरबेस पर हमले के बाद केंद्र सरकार पड़ोसी मुल्कों से भी संपर्क साध रही है और उनके एयरपोर्ट इस्तेमाल कर छात्रों को सुरक्षित घर लाने की तैयारी है।

इसे खुशकिस्मती कहें या फिर यूक्रेन में फंसे कलियर निवासी शम्मी सिद्दीकी की समय रहते दोगुनी कीमत में एयर टिकट खरीदने का निर्णय, जिसकी
बदौलत आज वे सकुशल अपने घर हैं। अब वह यूक्रेन में फंसे अपने  दोस्तों की सलामती के लिए साबिर पाक से दुआ मांग रहे हैं। दिलोदिमाग में छाया युद्ध का डर अब उन्हें परेशान कर रहा है।
हजारों भारतीय छात्रों की तरह ही पिरान कलियर के महमूदपुर निवासी शम्मी सिद्दीकी भी यूक्रेन की राजधानी कीव में रहकर एमबीबीएस के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे। तीन दिन पहले ही अपने घर पहुंचे शम्मी ने बताया कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने जिस समय युद्ध के संकेत दिए और एडवाजरी जारी की कि अपने वतन पहुंचने की तैयारी करो, उसी समय उन्होंने एयर टिकट बुक करने की कोशिश शुरू कर दी थी, लेकिन बुकिंग बार-बार कैंसिल हो रही थी। पर, वे लगातार प्रयास में लगे रहे। आखिरकार करीब 70 हजार रुपये की दोगुनी कीमत में टिकट बुक होने का अवसर उन्होंने नहीं गंवाया और टिकट बुक कर फ्लाइट से भारत लौट आए।
उन्होंने बताया कि उनके कुछ दोस्त ऑफलाइन क्लास को लेकर असमंजस में थे, लेकिन अब वहां कर्फ्यू जैसे हालात हो गए हैं और फ्लाइट भी बंद हो गई हैं। ऐसे में अब उन्हें अपने दोस्तों की फिक्र सता रही है। उनके लिए वे साबिर पाक से दुआ कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे चाहते हैं कि जो छात्र यूक्रेन में फंसे हैं, उनके लिए भारत सरकार प्रयास करे और सीज फायर के जरिये विमान से उन्हें वापस लाया जाए। उधर, रुड़की के ढंढेरा निवासी विवेक राठौर भी यूक्रेन में फंसे में हैं। बताया गया है कि करीब नौ माह पहले ही विवेक यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए पहुंचे थे। विवेक के परिजन उसकी वापसी के लिए परेशान हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed