उत्तराखंड

महाराज ने समाल्टा स्थित छत्रधारी चालदा महासू महाराज के दर्शन करने के साथ-साथ चोल्टी चढाकर पूजा अर्चना की

बेहतरीन कारीगरी का नमुना है सूरत के सुरेश द्वारा बनाई गई चोल्टी

देहरादून। जौनसार-बावर के हनोल स्थित श्री महासू देवता मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में पूजा-अर्चना के साथ दो दिवसीय परंपरागत “जागड़ा” (हरियाली पर्व) महोत्सव में प्रतिभाग करने के साथ-साथ प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समाल्टा स्थित छत्रधारी चालदा महासू महाराज के दर्शन करने के साथ-साथ उन्हें चोल्टी (चादर) चढाकर पूजा अर्चना की।

जागड़ा को राजकीय मेले का दर्जा दिलाने वाले प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने अपनी पुत्रवधु श्रीमती आराध्या के साथ समाल्टा पहुँच कर छत्रधारी चालदा महासू महाराज के दर्शन करने के साथ-साथ उन्हें चोल्टी (चादर) चढाकर पूजा अर्चना की। सतपाल महाराज ने बताया कि पूर्व में जब वह अपनी पत्नी श्रीमती अमृता रावत के साथ चालदा महासू के दर्शन को आये थे तो उन्हें चालदा महासू महाराज का आदेश हुआ कि वह उनको अपनी ओर से चोल्टी (चादर) चढ़ायें। छत्रधारी महाराज के आदेश का पालन करते हुए हुए उन्होने अपनी पुत्रवधु आराध्या के साथ समाल्टा पहुँच कर सूरत के सुरेश द्वारा बेहतरीन कारीगरी से बनाई गई चोल्टी (चादर) चालदा महासू देवता को चढ़ाई। चोल्टी को धारण कर चालदा महासू महाराज की अद्भुत छवि की झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी वहाँ उपस्थित रहे।

श्री महाराज ने बताया कि छत्रधारी चालदा महासू महाराज अपने सिंहासन से बाहर आकर दशहरे तक इसी चोल्टी (चादर) के साथ श्रृद्धालुओं को दर्शन देगें। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु इस दौरान उनके अद्भुत दर्शन करता है चालदा महासू महाराज उनकी मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण करते हैं।

जौनसार-बावर के हनोल स्थित श्री महासू देवता जागड़ा (हरियाली पर्व) को राजकीय मेले का दर्जा मिलने पर क्षेत्र के लोगों में अपार उत्साह और प्रसन्नता है।

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