बर्फबारी ने रोका खोज बचाव अभियान : उत्तराखंड हिमस्खलन में दो प्रशिक्षु अभी भी लापता
उत्तरकाशी| द्रौपदी का डांडा चोटी आरोहण के दौरान हुई हिमस्खलन की घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम)उत्तरकाशी के दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं, जबकि एक प्रशिक्षु का शव एडवांस बेस कैंप में है। मंगलवार को पूरे दिन भारी बर्फबारी होने के कारण खोज बचाव अभियान नहीं चल पाया। हेली रेस्क्यू भी पूरी तरह से बंद रहा। वहीं बुधवार को मौसम अनुकूल रहने पर रेस्क्यू अभियान चलाया गया। मातली हेलीपैड से द्रौपदी डांडा के बेस कैंप के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। बेस कैंप क्षेत्र में एक प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव रखा हुआ है। जबकि दो प्रशिक्षु पर्वतारोही अभी लापता हैं। जिनकी तलाश के लिए मंगलवार को द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई, जिसके कारण हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की 14 सदस्यीय टीम, आइटीबीपी, एसडीआरएफ की टीम भी लापता चल रहे दो प्रशिक्षुओं की खोजबीन नहीं कर पाई। इसके साथ भी घटनास्थल वाले क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण क्रेवास का पता नहीं चल पा रहा है, जिससे खोजबचाव टीम के सामने भी चुनौती खड़ी हो गई है।खोज बचाओ अभियान जारी है। हालांकि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को हल्के बादल छाए हुए हैं।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी का 42 सदस्सीय एडवांस कोर्स का प्रशिक्षु व प्रशिक्षक दल चार अक्टूबर की सुबह समिट कैंप से द्रौपदी का डांडा के आरोहण के लिए गया था। इस दल में शामिल दो प्रशिक्षक और 27 प्रशिक्षु पर्वतारोही समेत 29 लोग हिमस्खलन की जद में आए। इनमें दो प्रशिक्षक सहित 27 के शव बरामद कर दिए गए। दो अभी लापता हैं तथा एक प्रशिक्षु का शव एडवांस बेस कैंप में है।