प्रदेश में अब तक छह जिलों में एक हजार से अधिक डेंगू के मामले !!!
उत्तराखंड में डेंगू व अन्य वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। मरीजों का आंकड़ा एक हजार पार हो गया है। अस्पतालों में डेंगू के समान लक्षण वाले बुखार पीड़ितों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों की मानें तो डेंगू बुखार की न तो विशेष दवा है और न ही कोई टीका अभी तक उपलब्ध है। कोविड संक्रमण का प्रभाव सामान्य हो गया है, लेकिन डेंगू व अन्य वायरल बुखार से लोग परेशान हैं। प्रदेश में अब तक छह जिलों में एक हजार से अधिक डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। वायरल बुखार के मरीजों की संख्या भी अस्पतालों में बढ़ रही है। डेंगू व अन्य वायरल बुखार के लक्षण भी एक जैसे हैं, लेकिन एलइजा जांच में डेंगू की पुष्टि नहीं हो रही है।
डेंगू के लक्षण
– ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार आना।
– मांसपेशियों, जोड़ो और आंखों के पिछले भाग में दर्द होना।
– अत्यधिक कमजोरी आना और भूख न लगना
– शरीर पर लाल चकते पड़ना।
– मांसपेशियों, जोड़ो और आंखों के पिछले भाग में दर्द होना।
– अत्यधिक कमजोरी आना और भूख न लगना
– शरीर पर लाल चकते पड़ना।
डेंगू से बचाव के उपाय
– घर और आसपास मच्छर का लार्वा न पनपने दें।
– ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहे।
– मच्छर मारने के लिए कीटनाशक दवा व स्प्रे करें।
– मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
– बुखार के लिए पेरासीटामॉल दवा सुरक्षित है।
– रोगी को डिस्प्रिन व एस्प्रिन भी न दें।
– रोगी को तरल भोजन, खूब पानी पिलाने के साथ आराम दें।
– ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहे।
– मच्छर मारने के लिए कीटनाशक दवा व स्प्रे करें।
– मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
– बुखार के लिए पेरासीटामॉल दवा सुरक्षित है।
– रोगी को डिस्प्रिन व एस्प्रिन भी न दें।
– रोगी को तरल भोजन, खूब पानी पिलाने के साथ आराम दें।