पूरी तरह से टीकाकरण वाले व्यक्तियों में भी संक्रमण
कोरोना वैक्सीन को महामारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, लेकिन दोनों डोज ले चुके लोग भी कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं. हालांकि वैक्सीन ने गंभीर संक्रमणों को रोकने में मदद की है. इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को भी कम किया है। वैक्सीन लगवाने के बाद प्रतिरक्षा-बचाव तंत्र विकसित होता है, जो वायरस से बचने में मदद करता है. वहीं वैक्सीन नहीं लेने वाले लोगों में संक्रमित होने और गंभीर बीमारी विकसित होने का अधिक जोखिम रहता है.कोविड-19 के टीके SARs-COV-2 वायरस के खिलाफ एक निश्चित स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं. अध्ययनों से पता चला है कि आंशिक और पूरी तरह से टीकाकरण वाले व्यक्तियों में संक्रमण हो सकता है, लेकिन कोरोना वैक्सीन ले चुका व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो वह एसिम्प्टोमैटिक रहता है या उसमें हल्के लक्षण विकसित होते हैं.यह पता चला है कि कोविड-19 का ओमिक्रॉन वेरिएंट, डेल्टा की तुलना में हल्का है. डॉक्टरों ने नोट किया है कि अधिकांश संक्रमित रोगियों में सर्दी जैसे लक्षण विकसित होते हैं और अपने आप ठीक हो जाते हैं. गले में खराश के अलावा, ओमिक्रॉन के कुछ अन्य लक्षणों में थकान, बुखार, शरीर में दर्द, रात को पसीना, छींकना, नाक बहना, मतली और भूख न लगना शामिल हैं. डेल्टा वेरिएंट के विपरीत, ओमिक्रॉन से गंध और स्वाद ना आने की संभावना कम होती है.कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद गले में खराश की समस्या आ रही है. शिकागो डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ कमिश्नर डॉ एलिसन अरवाडी का कहना है कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को गले में खराश के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.