पछवादून क्षेत्र के ढकरानी, ढालीपुर, भीमा वाला नवघाट में रात के अंधेरे में खनन करने में जुटे खनन माफिया
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विकास नगर (देहरादून) ढालीपुर ढकरानी भीमा वाला नवघाट में सूर्य अस्त के बाद खनन नीति के अनुसार नदियों में खनन करना पूर्णता प्रतिबंध है। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा भी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हुए हैं की सूर्यास्त के बाद किसी भी स्थिति में नदियों में होने वाले खनन पर प्रतिबंध लगाया जाए। वजह रात को नदियों में होने वाले खनन के कारण जलीय जीवों को भारी नुकसान पहुंचता है।
लेकिन पछवादून क्षेत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा दिए गए आदेश व निर्देशों की अवहेलना हर छोटा बड़ा अधिकारी करता हुआ नजर आ रहा है। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो पुलिस व खनिज विभाग की आंखों में धूल झोंकते हुए या खननमाफिया द्वारा ,,(दी हुई मलाई),,,या कहे गांधी जी घर मे पहुंच जाने के बाद मिली भगत ,से रात होते ही पछवादून क्षेत्र की नदियों में जेसीबी मशीन सहित सैकड़ो ट्रक डंपर ट्रैक्टर खनन माफिया द्वारा उतार दिए जाते हैं , और रात भर उत्तराखंड में खनिज सामग्री का लूट का खेल खेला जाता है। खनन माफिया की पकड़ की बात करें तो दबदबा इतना है विकास नगर से देहरादून तक किसी भी जिम्मेदार की हिमाकत नहीं की इन अवैध खनन सामग्री से भरे हुए वाहनों की जांच पड़ताल करने की हिम्मत भी जुटा सके। या फिर यह कहा जाए हर चेक पोस्ट बैरियर पर सुविधा शुल्क देकर के खनन माफिया अपने वाहनों को राजधानी तक बेरोक टोक पहुंचने का काम कर रहे हैं। विकास नगर से देहरादून तक हर चौक चौराहे पर खनन माफियो का झुंड सक्रिय रहता है। वहीं सरकार द्वारा अवैध खनन की रोकथाम के लिए टीमों का भी गठन किया गया है लेकिन लाखों रुपए सैलरी लेने वाले जिम्मेदार मात्र अपनी जेब में हरे हरे नोट भरकर उत्तराखंड सरकार को रोजाना लाखों रुपए का राजस्व का चूना लगाने का काम कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो ढालीपुर ढकरानी से लगाती हुई यमुना नदी से चोर रास्ते हिमाचल प्रदेश से सैकड़ो ट्रक डंपर पूरी रात उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश कर देहरादून राजधानी तक बिना किसी रोक-टोक पहुंच जाते हैं और जिम्मेदार आंखें बंद कर उत्तराखंड सरकार को लाखों रुपए राजस्व का नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। वही एक नाप पटा ऐसा भी है। जिस पर खनिज सामग्री नाम की भी रेत बजरी भी उपलब्ध नहीं है यह खनन पट्टा आवंटित करना खनिज विभाग को भी संदेह के घेरे में खड़ा करता है। फिर भी इस *खनन पट्टे की आड़ में रात भर यमुना नदी से अवैध खनन कर सैकड़ो ट्रक डंपर खनिज सामग्री कीलूट में लगे हैं*। अब सवाल उठता है एक दो डंपर रात के अंधेरे में अवैध खनन को अंजाम दे तो इसको चोरी से करना मान भी लिया जाए लेकिन जहां सैकड़ो की तादात में यमुना नदी में ट्रक डंपर खनन करते देखे जा सकते हैं तो कहीं ना कहीं स्थानीय प्रशासन की मिली भगत से ही इस अवैध खनन के कार्य को खनन माफिया अनजाम देने में लगे हुए हैं। हैरत की बात है आए दिन अवैध खनन की खबरें प्रसारित हो रही है मौजूद इसके उत्तराखंड सरकार इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है ऐसे में क्षेत्र की जनता के मन में भी सरकार के प्रति कई सवाल चल रहे हैं क्या क्षेत्र में इस तरह के अवैध कार्य चलते रहेंगे या तहसील प्रशासन व जिला प्रशासन इसी तरह मौन रहेगा या फिर संबंधित विभाग या तहसील विभाग कोई कड़ी कार्रवाई करेगा।