नेशनल वेनगार्ड ने नगर पालिका से लेकर पार्लियामेंट तक प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की
देहराूदनः राष्ट्रीय सैनिक संस्था की नेशनल वेनगार्ड ने सरकार से नगर पालिका से लेकर पार्लियामेंट तक प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग उठाई है, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके. नेशनल वेनगार्ड के प्रशासनिक सदस्यों ने सरकार से देश में भ्रष्टाचार मिटाने के लिए सेवानिवृत्त सैनिकों की तैनाती की भी मांग की है. उनका कहना है कि देश में जब भी कोई आपदा आती है तो फौज को बुलाया जाता है, लेकिन आज भ्रष्टाचार भी एक आपदा बन चुकी है. इसे नियंत्रित करने का सबसे अच्छा और सबसे प्रभावी तरीका ये होगा कि नगर निगम से पार्लियामेंट तक हर स्तर पर एक सेवानिवृत्त गौरव सेनानी की तैनाती कर दी जाए.राष्ट्रीय सैनिक संस्था के नेशनल वेनगार्ड के प्रशासनिक सदस्य रिटायर्ड मेजर जनरल एमएल असवाल का कहना है कि देश में जब भी कोई आपदा आती है तो फौज को बुलाया जाता है और स्थिति नियंत्रण में लाई जाती है. इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी में भूस्खलन हो या फिर भुज में भूकंप या फिर अंडमान में सुनामी हो, कैसी भी विषम स्थिति हो तो फौज को बुलाया गया और आपदा नियंत्रण में लाई गई. इसलिए पूर्व सैनिकों की नगर निगम से संसद तक हर स्तर पर एक सेवानिवृत्त गौरव सेनानी के रूप में तैनाती जरूरी हो गई है. उन्होंने बताया कि इन सभी विषयों को लेकर राष्ट्रीय सैनिक संस्था का 16 वां राष्ट्रीय अधिवेशन हिलोरी वाटिका भानियावाला में 19 फरवरी को आयोजित होने जा रहा है.
इस अधिवेशन में उत्तराखंड के राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. रिटायर्ड मेजर जनरल असवाल ने बताया कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था, गौरव सेनानियों और देशभक्त नागरिकों का एक 22 साल पुराना रजिस्टर्ड गैर राजनीतिक संगठन है. इस अधिवेशन में महाराष्ट्र, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, पोर्ट ब्लेयर, दादर नगर हवेली, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शीर्ष प्रतिनिधि भाग लेने जा रहे हैं. दरअसल, पूर्व सैनिक सेवानिवृत्त फौजियों की तैनाती की मांग उठा रहे हैं. उनका कहना है कि यदि नगर निगम से लेकर संसद तक पूर्व सैनिकों को प्रतिनिधित्व दिया जाता है तो ऐसे में भ्रष्टाचार खुद ही कम हो जाएगा. इसको लेकर देहरादून में एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर को यादगार बनाने के लिए पूर्व सैनिकों की ओर से एक स्मारिका भी प्रकाशित की जा रही है.