नजूल नीति-2021 को पुन: लागू करने के प्रस्ताव पर लगी मुहर
मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में नजूल नीति-2021 को पुन: लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने कैबिनेट द्वारा लिए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नजूल भूमि पर बसे परिवारों को मालिकाना हक देने के लिए सरकार ने गैरसैंण में हुए बजट सत्र में उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक पास किया था। उक्त विधेयक राजभवन द्वारा मंजूरी को राष्ट्रपति भवन के जरिए गृह मंत्रालय भेजा गया था। इसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है।
11 दिसंबर को नजूल नीति-2021 की समयसीमा भी खत्म हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने नजूल आवंटन, नियमितीकरण जैसे कार्य जारी रखने को विधिवत कानून बनने तक पूर्व में लागू नीति को बहाल करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2021 में लागू नजूल नीति में सरकारी विभागों को नजूल भूमि देने पर सर्किल रेट का 35 प्रतिशत भुगतान करने की शर्त रखी गई थी, लेकिन विभागों की आपत्ति के बाद इस दर को 2005 की नीति के समान पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सरकार ने प्रदेश के सात कैंट बोर्डों के सिविल क्षेत्रों को पास के नगर निकायों में शामिल करने को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। मुख्य सचिव ने बताया कि इस फैसले पर अमल से पहले कार्मिकों और भूमि संबंधित कुछ अहम मुद्दे सुलझाए जाने है। इस दिशा में आगे कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार अपनी सहमति से केंद्र सरकार को सूचित करने जा रही है। उक्त प्रस्ताव खुद केंद्र सरकार की तरफ से दिया गया है।
प्रमुख फैसले
1. हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना संचालित करने का प्रस्ताव मंजूर
2. वित्त विभाग की वनटाइम सेटलमेंट स्कीम 2023-24 की शर्तों में संशोधन
3. डिग्री कॉलेजों में पच्चीस अस्थायी संविदा शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी
4. ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लिमिटेड समाप्त
5. आयुष विभाग आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग समूह क सेवा नियमावली 2011 में संशोधन
6. सिविल कोर्ट परिसर खटीमा में अधिवक्ता चैंबर को बार एसोसिएशन को जमीन 90 साल के बजाय 30 वर्ष की लीज पर
7. पेराई सत्र 2023-24 को सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को बैंकों से कर्ज लेने को शासकीय प्रत्याभूति मंजूर
8. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के विभिन्न सेवा संवर्गों के सीधी भर्ती पदों पर संविलियन नियमावली 2023 मंजूर