धामी का होगा राजतिलक,मेहनत का मिला फल
कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुना गया। केंद्रीय पर्यवेक्षक बनकर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी के नाम का एलान किया। इसके बाद धामी पार्टी के वरिष्ठ विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। 23 मार्च को परेड ग्राउंड में धामी सरकार का शपथग्रहण होगा।
कल 23 मार्च को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पहुंचेंगे। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार और डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने सोमवार रात शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन स्थल परेड ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सोमवार देर रात तक स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की टीम के देहरादून पहुंचने की सूचना थी। शपथ ग्रहण समारोह स्थल परेड ग्राउंड और उसके आसपास जिला प्रशासन, पुलिस और खुफिया विभाग ने चलाया देर रात तक सघन तलाशी अभियान हुआ था। शपथ ग्रहण समारोह स्थल परेड ग्राउंड के आसपास पानी की टंकियों और ऊंची इमारतों पर भी खुफिया विभाग और पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
जिला प्रशासन के अधिकारियों सूत्रों से जो संकेत मिल रहे हैं, उसके अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी में संत भी उन्हें आशीर्वाद देने के लिए शामिल होंगे। संतो के लिए वर्ष 2017 के शपथ ग्रहण समारोह की तरह अलग से मंच बनाया जा रहा है। इसके अलावा विधायकों के लिए भी देर रात तक अलग मंच बनाने के लिए जिला प्रशासन और पूरे तंत्र की टीम कार्य में जुटी हुई है।
जिला प्रशासन के अधिकारियों सूत्रों से जो संकेत मिल रहे हैं, उसके अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी में संत भी उन्हें आशीर्वाद देने के लिए शामिल होंगे। संतो के लिए वर्ष 2017 के शपथ ग्रहण समारोह की तरह अलग से मंच बनाया जा रहा है। इसके अलावा विधायकों के लिए भी देर रात तक अलग मंच बनाने के लिए जिला प्रशासन और पूरे तंत्र की टीम कार्य में जुटी हुई है।
जनरल बीसी खंडूड़ी के बाद पुष्कर सिंह धामी दूसरे राजनेता हैं जिन्हें दूसरी बार उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। उनका पहला कार्यकाल केवल आठ महीने का था। अब उन्हें अगले पांच साल के लिए सत्ता की बागडोर सौंपी गई है।