दिल्ली की जहरीली हवा का रुख अब उत्तराखंड की ओर
उत्तराखंड की साफ-सुथरी हवा और सुंदर वादियों मैं अब दिल्ली का जहर घुलने लगा है. उत्तराखंड में दिल्ली से बड़ी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन पहाड़ी वादियों में पहुंच रहा है. हालत ये है कि पोस्ट मॉनसून और सर्दियों में प्रदूषण 15 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूब पहुंच रहा है. दिल्ली से बड़ी मात्रा में डस्ट पार्टिकल (धूल के कण) प्रदेश के पहाड़ी हिस्से में पहुंच रहे हैं. इसको लेकर वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों ने बड़ी चिंता जाहिर की है. विशेषज्ञों की मानें तो इस मामले पर सभी राज्यों को मिलकर काम करना होगा. नहीं तो भविष्य के लिए चिंता और बढ़ सकती है.हाल ही में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में एयर पॉल्यूशन पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार (International Seminar on Air Pollution) का आयोजन किया गया. अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में पहुंचे आईआईटीएम (Indian Institute of Tropical Meteorology) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में उनके पास जो डाटा आया है उसके मुताबिक, उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन दिल्ली से हवा के जरिए पहाड़ों में पहुंच रहा है.
जिसकी मात्रा 15 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूब मापी गयी है. यही प्रदूषण मॉनसून से पहले 4.5 से 5 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूब था. यानी की मॉनसून के बाद 3 गुना ज्यादा बढ़ा है. यह आंकड़ा 2022 अक्टूबर महीने का है. इसके पीछे दिल्ली में पराली का जलना, वाहनों से निकला प्रदूषण बड़ी वजह है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर सभी सरकारों को एक साथ मिलकर नीतियां बनानी होंगी, वरना भविष्य के लिए ये अच्छे संकेत नहीं हैं.