डीजल से चलने वाले 10 साल पुराने ऑटो, विक्रम 31 मार्च 2023 के बाद सड़कों से होंगे बाहर – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

डीजल से चलने वाले 10 साल पुराने ऑटो, विक्रम 31 मार्च 2023 के बाद सड़कों से होंगे बाहर

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देहरादून | उत्तराखंड के सिटी इलाकों के परिवहन की रीढ़ माने जाने वाले ऑटो, विक्रम अब सड़क से बाहर कर दिए जाएंगे। परिवहन विभाग ने इसके लिए तैयारी कर दी है। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की में डीजल से चलने वाले 10 साल पुराने ऑटो, विक्रम 31 मार्च 2023 के बाद सड़कों से बाहर कर दिए जाएंगे।

परिवहन विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। डीजल संचालित इन ऑटो, विक्रम की जगह सीएनजी की गाड़ियों का संचालन होगा। देहरादून में प्रदूषण की बदहाल हो रही स्थिति पर पूर्व में शासन द्वारा अनुमोदित 18 स्टेट कैरेज रूटों पर पेट्रोल, बीएस वी 5, मानक सीएनजी, इलेक्ट्रिक सार्वजनिक वाहन के संचालन को लेकर निर्णय लिया गया।

राजधानी समेत हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की में प्रदूषण को लेकर चिंतित परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। आरटीए की बैठक 46 मुद्दों में से 45 पर मंथन कर सहमति बनी। जिनमें डीजल के ऑटो, विक्रम को ऑफ रोड करने का फैसला अहम रहा। बैठक में सिटी में पॉल्यूशन कंट्रोल,ट्रैफिक कंट्रोल के साथ पब्लिक को सुरक्षित, आरामदायक और सस्ती सार्वजनिक सेवा उपलब्ध कराने के लिए पूर्व में शासन द्वारा अनुमोदित 18 स्टैज कैरिज रूटों पर पेट्रोल, बीएस 6 मानक, सीएनजी, इलेक्ट्रिक हाइब्रिड वाहनों के संचालन पर भी सहमति बनी। बैठक में तय किया गया कि 31 मार्च 2023 के बाद 10 साल पुराने डीजल के ऑटो, विक्रम नहीं चलेंगे।

डीजल-पेट्रोल के परमिट पर सीएनजी, इलेक्ट्रिक या फिर बीएस.6 ऑटो.विक्रम खरीद सकते हैं। यदि संचालक मार्च तक अपने परमिट परवर्तित नहीं करते हैं तो उनके परमिट रद किए जाएंगे और फिर नये लोगों को परमिट दिए जाएंगे। इस बैठक में ई-रिक्शा वाहनों के सुचारू रूप से सचांलन पर विचार किया गया। इस दौरान ई.रिक्शा चालकों के सत्यापन कराने के लिए कार्ययोजना बनाने पर भी विचार किया गया। देहरादून और हरिद्वार जिले में 8690 विक्रम और ऑटो पंजीकृत हैं। इसमें 3103 विक्रम और 5587 ऑटो, रिक्शा हैं। इसमे से 50 प्रतिशत पुराने हैं। परिवहन विभाग के इस फैसले पर ऑटो, रिक्शा यूनियन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। दून ऑटो, रिक्शा यूनियन ने दस साल पुराने ऑटो.रिक्शा वाहनों को बाहर करने के लिए 2025 तक समय मांगा है।

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