जिस भाई ने जिंदगी भर रक्षा का वचन दिया उसी भाई ने बहनों को उतारा मौत के घाट
अनुराधा व ज्योति ने कभी नहीं सोचा होगा कि जिस हाथ पर वे दोनों बचपन से राखी बांधती आ रही हैं। वही हाथ एक दिन उनकी जिंदगी छीन लेगा। जिस भाई ने रक्षा का वचन दिया था, सिर पर खून सवार हुआ तो उसी भाई ने मौत की नींद सुला दिया।बागपत में मृतक बृजपाल ट्रक चालक था और उसका इकलौता बेटा अमरपाल उर्फ लक्ष्य तोमर व चार बेटियां पूजा, आरती, ज्योति व सबसे छोटी अनुराधा थी। पूजा की शादी कुछ साल पहले मेरठ के कल्याणपुर में तो आरती की शादी जिवाना-जिवानी गांव में हुई थी। जबकि ज्योति व अनुराधा अभी अविवाहित थीं। इकलौता भाई होने के कारण सभी बहनें अमरपाल को बहुत प्यार करतीं थीं और हर वर्ष रक्षाबंधन पर उसको राखी बांधतीं थीं। पिछले सप्ताह ही सभी बहनों ने अमरपाल को रक्षा सूत्र बांधा था, लेकिन बहनों को नहीं बता था कि जिस हाथ पर वे राखी बांध रहीं हैं, वही हाथ उनकी जिंदगी छीन लेगा।अमरपाल की मां शशिप्रभा ने बताया कि आरोपी अमरपाल शराब व जमीन के चक्कर में इतना पागल हो चुका था कि उसे एक बार भी अपनी बहनों व पिता पर तरस नहीं आया। उसकी बहनें चिल्लाती रहीं, लेकिन एक बार भी भाई का दिल नहीं पसीजा।आरोपी अमरपाल उर्फ लक्ष्य तोमर ने गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस पूछताछ में बताया कि उसका झगड़ा केवल पिता बृजपाल के साथ था। इसलिए वह पिता ब्रजपाल को मारने की फिराक में था, लेकिन उसे मौका नहीं मिल रहा था। घटना की रात जब ब्रजपाल, ज्योति व अनुराधा सो रही थी, तभी अमरपाल घर में रखा लोहे का नुकीला हथियार उठाकर लाया और सोफे पर सो रहे बृजपाल पर लगभग 20 बार वार किए। लेकिन तभी अनुराधा व ज्योति भी जाग गई, इसलिए उनकी भी हत्या कर दी। उसने अनुराधा पर दस व ज्योति पर छह वार किए।