जब वे पैदल जा रही थी अचानक कुछ लोगों ने जेब से काले झंडे निकाल दिये :एक संस्मरण – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

जब वे पैदल जा रही थी अचानक कुछ लोगों ने जेब से काले झंडे निकाल दिये :एक संस्मरण

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पंजाब की घटना से आज एक पुरानी याद ताज़ा हो गई… यहाँ तो मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री अलग -अलग दलों क़े हैं, ये बात 70-75 क़े दशक की है, ज़ब केंद्र और उ प्र में एक ही दल की सरकार थीl उत्तरकाशी में इंदिरा जी आई थी और बैरिकेटिंग दोनों तरफ लगी थी लोग बैरिकेटिंग क़े सहारे दोनों तरफ खड़े थे बीच में से इंदिरा जी को पैदल गुजारना था…  वे पैदल जा रही थी अचानक कुछ लोगों ने जेब से काले झंडेज़ब निकाले और उनके ठीक सामने दोनों तरफ से फहराए उनमें कमलाराम नौटियाल जी और उनके कई साथी सम्मिलित थे और इंदिरा वापस जाओ क़े नारे लगाए, प्रशासन सकते में आ गया, लाठी चार्ज और गिरफ्तारी जैसी स्थिति की तैयारी होने ही वाली थी, इंदिरा जी ने हाथ से ही चलते कुछ इशारा किया और आगे बढ़ती हुई सीधे मंच पर चली गई, हेमवतीनंदन बहुगुणा, बलदेव सिंह आर्य जी भी थे, इंदिरा जी ने ज़ब भाषण शुरू किया तो उन्होने जो बात कही उन्होंने कहा “कुछ भाईयों ने रास्ते में काले झंडे दिखाए, वास्तव में यही प्रजातंत्र की जीवंतता हैं, मैं उन भाईयों का इसलिए धन्यवाद करता हूँ कि उन्होने अपनी पीड़ा व्यक्त करने का प्रयास किया |”
…. और न कोई गिरफ़्तारी हुई, न किसी से पूछ-ताछ… न इंदिरा जी ने ये कहा कि उनकी जान को खतरा… ज़ब कि दोनों तरफ बैरिकेटिंग क़े बीच जिस रास्ते इंदिरा जी गुज़री 4-5 फुट की दूरी मात्र थी ।

सौजन्य से-  संकलन- चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय,न्यायविद् ।

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