उत्तराखंड

जंगल में बच्ची को जन्म देकर उसे वहीं छोड भागी माँ !!!

तीसरी बार भी लड़की होने से महिला ने बच्ची को जंगल में ही छोड़ने का निर्णय लिया।

एक मां अपने बच्चे के लिए अपना सबकुछ न्योछावर करने को हर पल तैयार रहती है। लेकिन बेरीनाग दौलीगाड़ में घटी इस घटना ने मां और बच्चे के रिश्ते को शर्मशार किया है। जीवित होने के बावजूद एक मां ने अपनी बेटी को मरने के लिए जंगल में छोड़ दिया। घटना के पीछे का कारण नवजात का लड़की होना बताया जा रहा है।दौलीगाड़ के समीप जंगल में बीते छह मई की सुबह आठ बजे के करीब प्रेमा देवी ने बगैर किसी की मदद के जंगल में बच्ची को जन्म दिया। पुलिस पूछताछ में महिला ने कबूल किया है कि प्रसव के बाद बच्ची बिल्कुल सुरक्षित थी और वह जीवित अवस्था में ही उसे जंगल में छोड़ आई ।करीब दो घंटे बाद गांव की अन्य महिलाएं घास काटने जंगल गई तो उन्हें बच्ची मृत अवस्था में मिली। गांव के अन्य लोग मृत बच्ची को न देख लें, इस डर से अगले दिन महिला ने नवजात के शव को दफनाने का निर्णय लिया। उसने से जंगल में गड्ढा खोदकर दफना दिया। हालांकि जांच के दौरान पुलिस को केवल वह शाल मिली है जिसमें लपेट कर मासूम को दफनाया गया था।लेकिन उसका शव नहीं मिला है। रविवार को पुलिस ने आरोपी मां को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ नवजात को जानबूझ कर मरने के लिए छोड़ने और अपराध को छुपाने व साक्ष्य मिटाने के आरोप में धारा 315,317 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।आठ साल बाद गर्भवती हुई महिला: प्रेमा देवी के पहले से ही तीन बच्चे हैं। दो बेटियां 14 व 12 साल व एक नौ साल का लड़का है। करीब आठ साल के बाद महिला फिर से गर्भवती हुई। लेकिन तीसरी बार भी लड़की होने से महिला ने बच्ची को जंगल में ही छोड़ने का निर्णय लिया।

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