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एके एंटनी ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लिया संन्यास

तीन बार रहे केरल के मुख्यमंत्री। महज 37 साल की उम्र में वह केरल के मुख्यमंत्री भी बन गए थे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के बेहद ही करीबी रहे पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। इसके साथ ही वह आगे अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसको लेकर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को भी पत्र लिखा है। अपने पत्र में सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि अब वह सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं। अपने पत्र में एके एंटनी ने लिखा है कि वह राज्यसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे और अप्रैल में अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह गृह राज्य केरल वापस चले जाएंगे। एके एंटनी के इस घोषणा के बाद उनके 52 साल के राजनीतिक कैरियर का अंत हो रहा है।

आपको बता दें कि केरल में राज्यसभा के 3 सीटों के लिए 30 मार्च को चुनाव होने हैं। अपने पत्र में इंटरव्यू ने सोनिया गांधी से कहा कि 2 अप्रैल को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे मैं बाहर दोबारा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि अब वह दिल्ली में नहीं रहना चाहते। वह अपने गृह राज्य केरल शिफ्ट हो जाएंगे। 52 साल की लंबी राजनीति के बाद वह इससे दूर हो रहे हैं। 1970 में वह पहली बार केरल में विधायक बने थे। वह कांग्रेस युवा और छात्र विंग के भी नेता रह चुके हैं। इतना ही नहीं, केरल के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने तीन बार अपनी सेवाएं दी हैं। महज 37 साल की उम्र में वह केरल के मुख्यमंत्री भी बन गए थे।

केरल विधानसभा चुनाव के दौरान ही एंटनी ने कहा था कि वह अब राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान वह कांग्रेस कमेटी के महासचिव रह चुके हैं। 2004 में व केंद्र की राजनीति में सक्रिय हुए। उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया। आज भी कई अहम कमेटियों के वह सदस्य हैं। इसके अलावा पार्टी के कई मसलों में उनकी राय बेहद जरूरी रहती हैं।

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