उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोगों के लिए एक समान कानून हो, इसी पर सरकार ने काम किया है : सीएम पुष्कर सिंह धामी
देहरादून 1 जुलाई 2023 : पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता-यूसीसी से उत्तराखंड के हित सुरक्षित किए जाएंगे। कमेटी से ड्राफ्ट मिलने के बाद पहले इसका विधिक परीक्षण कराया जाएगा। शनिवार को नई दिल्ली उत्तराखंड सदन में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने को बनी कमेटी का कार्यकाल एक साल से ज्यादा हो चुका है।इस अवधि में कमेटी ने 2. 35 लाख से ज्यादा लोगों से बात कर उनके विचार जाने। इनमें सामाजिक, धार्मिक संगठनों के साथ ही स्टेक होल्डर और बुद्धिजीवी शामिल हैं। इन सभी ने कमेटी को अपने मत दिए हैं। उन्होंने बताया कि 30 जून को कमेटी की तरफ से बताया कि उन्होंने अपना ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। कुछ समय बाद वे सारा प्रपत्र तैयार कर सरकार को सौंपेंगे। इसके बाद ही सरकार आगे की प्रकिया बढ़ाएगी। चूंकि, सरकार भी इसका परीक्षण करती है और इसे विधिक रूप से भी देखा जाना है लिहाजा, यह सब देखने के बाद ही यूसीसी को उत्तराखंड में लागू करेंगे।यह पूछे जाने पर कि क्या सात जुलाई की कैबिनेट में यूसीसी का प्रस्ताव लाया जा रहा है ? सीएम धामी ने कहा कि अभी तो हमें ड्राफ्ट ही नहीं मिला है। क्या सरकार ने कानून को लागू करने के लिए कोई डेडलाइन तय की है? धामी बोले कि जैसे ड्राफ्ट मिलेगा तो उसका परीक्षण कर कानून को लागू करेंगे। कांग्रेस का आरोप है कि यूसीसी के बहाने भाजपा 2024 से पहले सांप्रदायिक माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही है।
इस सवाल पर धामी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देश के अंदर तुष्टिकरण करने का किया है। वोटों के लिए लोगों को बांटने की राजनीति की है। परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा दिया है। जिन्होंने हमेशा तुष्टिकरण किया हो वे सशक्तिकरण को कैसे अपना सकते हैं। यूसीसी सशक्तिकरण व संतुष्टीकरण भी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील है। दो-दो देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं राज्य से लगी हैं। यह सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का केंद्र है। उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोगों के लिए एक समान कानून हो, इसी पर सरकार ने काम किया है। उत्तराखंड के हिसाब से ही इसे बनाया जा रहा है। धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने जो काम शुरू किया है, वे दूसरे राज्यों से भी इस कानून को लागू करने की अपेक्षा करते हैं।