अमेरिकी विशेषज्ञ अरनॉल्ड डिक्स ने कहा क्रिसमस से पहले सभी मजदूर होंगे अपने घर ,रेस्क्यू में की जल्दबाजी तो बढ़ेगी मुश्किलें – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

अमेरिकी विशेषज्ञ अरनॉल्ड डिक्स ने कहा क्रिसमस से पहले सभी मजदूर होंगे अपने घर ,रेस्क्यू में की जल्दबाजी तो बढ़ेगी मुश्किलें

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14 दिन बाद भी सुरंग में फंसी जिंदगियों को बाहर निकलने को लेकर सस्पेंस बना हुआ . सुरंग में ड्रिल करने के लिए भेजी गई ऑगर मशीन नाकाम रही है. अब वर्टिकल यानि सुरंग के ऊपरी हिस्से पर ड्रिलिंग की तैयारी है.

घड़ी की सुइयां अपनी रफ्तार से चली जा रही हैं. कैलेंडर की तारीख बदलती जा रही है. लेकिन अगर कुछ नहीं बदल रहा तो वो है हालात. हर दिन सुबह उम्मीद के साथ शुरू हो रही है और शाम नाउम्मीदी में गुजर जा रही है. इस बीच अमेरिका से आए एक्सपर्ट द्वारा दिए गए बयान ने सभी को चौंका दिया है.अमेरिकी विशेषज्ञ अरनॉल्ड डिक्स ने

कहा कि क्रिसमस से पहले सभी मजदूर अपने घर पर होंगे. वह सुरक्षित हैं. अगर रेस्क्यू में जल्दबाजी की गई तो और मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसलिए पूरी सावधानी के साथ सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि अब से एक महीने में 41 लोग घर सुरक्षित होंगे। मुझे बिल्कुल नहीं पता कि कब. मेरा मतलब है कि हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए . हमें बस सबसे महत्वपूर्ण बात पर विचार करना चाहिए और वह यह है कि सभी सुरक्षित घर आएं. मुझे विश्वास है कि वे क्रिसमस पर सब घर होंगे. मैंने कभी वादा नहीं किया था कि यह जल्दी हो जाएगा. मैंने कभी वादा नहीं किया कि यह आसान होगा, मैंने कभी नहीं कहा कि यह कल हो जाएगा, मैंने कभी नहीं कहा कि यह आज रात होगा. वे सुरक्षित रहेंगे.सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेश का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने कहा, ‘मुझसे मजदूरों ने कहा कि हमें खाना मिल रहा है, चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम प्रार्थना कर रहे हैं कि हम जल्द से जल्द यहां से निकल सकें.’ उन्होंने कहा कि यहां सभी संसाधन उपलब्ध हैं. प्लाज्मा कटर की तरह जो उपकरण यहां नहीं है उसे लाया जा रहा है. मुख्य टनल के निर्माण से पहले एस्केप टनल नहीं बनाने के बारे में पूछे जाने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर पहलू पर गौर कर रहे हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता पहले मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की है. उन्होंने कहा कि जीपीआर मैपिंग विश्वसनीय नहीं है, इसे रेस्क्यू में जुटे अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं.

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