उत्तराखंड

सरकार एव विभाग धोखे में रख रहे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को: मीनाक्षी रावत

दकियानूसी बातें कर कर विभाग और सरकार ने सारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को बेवकूफ बनाकर रखा हुआ है

आज चुनाव के दौरान सभी सरकारी नुमाइंदे सरकार की पैरवी करने के लिए सरकार की चमचागिरी करने में लगे हैं लेकिन अगर हकीकत में देखा जाए तो धरातल पर हर वह शख्स आज भी परेशान है जो कि अपनी मेहनत को लेकर सरकार से बार-बार गुहार लगा रहा है मैं महिला सशक्तिकरण बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की बात करती हूं सरकार ने इतने लंबे आंदोलन के बाद जो मांग उत्तराखंड में आंगनवाड़ी वर्कर कर रही थी कि हमारा मानदेय 18000 किया जाए वह मानदेय 18000 से लेकर अट्ठारह सौ दिया गया और कोविड-19 कार्यक्रम को लेकर सरकार द्वारा बहुत घोषणाएं कर दी गई लेकिन आज तक कई बहनों के खातों में कोविड काल का पैसा नहीं पड़ा है कई महीनों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय खातों में नहीं आया है टी एच आर का पैसा कई महीनों से उधार चल रहा थे एक साल से भवन किराया नहीं आया आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर कई बार माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने की दरख्वास्त को लेते गुहार लगाई गई लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है एक तरफ उन्होंने हमारे कटे हुए मानदेय की मांग को देखते हुए हमारे कटे हुए मानदेय को लेकर अखबारों में बड़े बड़े अक्षरों में मानदेय वापसी का घोषणा पत्र जारी कर दिया कि इनका कटा हुआ मानदेय वापस दिया जाएगा लेकिन जब मानदेय वापस देने की बात आती है हमारे विभाग अधिकारियों द्वारा यह कहा जाता है यह मांग मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं है यह विभाग ने करी है और विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की छुट्टियों में समायोजित करते हुए प्रत्येक वर्ष 20 छुट्टी करके समायोजित करेगा मैं विभाग से पूछना चाहती हूं जब मानदेय वाले लोगों के पास कोई छुट्टी है ही नहीं तो आप किन छुट्टियों को समायोजित करोगे इस तरह की दकियानूसी बातें कर कर विभाग और सरकार ने सारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को बेवकूफ बनाकर रखा हुआ है मैं विभाग से बहुत बार अपनी समस्याओं को लेकर मिल चुकी हू लेकिन हमारे सचिव और उपनिदेशक जी द्वारा कोई भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हुआ है मैं सरकार से बोलना चाहती हूं कि सरकार और विभाग की गलत लिखित बयानों के कारण जिस तरह आज हमारी बहने परेशान हो रही है वह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा मैं उनसे फिर निवेदन करती हूं आप हमारा कटा हुआ मानदेय लिखित भाषा को लेकर विभाग ने जो गोल-गोल बातें लिखी हुई है उन बातों को स्पष्ट करते हुए हमारे मानदेय को निकालने की कृपा करें मैं आपसे उम्मीद ही नहीं अपितु विश्वास भी करती हूं आप हमारी मांग को जरूर पूरा करेंगे।

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