उत्तराखंड

जिलाधिकारी ने डेरी के तहत दूध से बनने वाले विभिन्न प्रोडक्टों का निरक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए

औचक निरक्षण के दौरान उन्होंने पिछले सालों का लेखा जोखा सहित लाभ-हानि का अध्ययन किया

चंपावत | जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने डेरी विकास विभाग (दुग्ध संघ) का औचक निरक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश। उन्होंने आय व्यय सहित विभिन्न विभागीय लेखा जोखा का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने डेरी के तहत दूध से बनने वाले विभिन्न प्रोडक्टों का निरक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। औचक निरक्षण के दौरान उन्होंने पिछले सालों का लेखा जोखा सहित लाभ-हानि का अध्ययन किया।

साथ ही पशुपालकों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करने, दुग्ध उत्पादकों को दिए जाने वाली सभी योजनाओं का लाभ जनपद के सभी पशुपालक तक पहुंचे, दुग्ध उत्पादन, पशुपालन को बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित करने सहित अन्य आवश्यक दिशा निर्देश दिए। प्रबंधक दुग्घ ने बताया कि वर्तमान समय मे चम्पावत में 201 समितियों के माध्यम से दुग्ध संघ को 11500 लीटर प्रतिदिन दूध का मिल रहा है। जिलाधिकारी ने दुग्घ की मात्रा और अधिक बढ़ाने हेतु पशुपालक को प्रेरित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष पशुपालकों को डेरी से जोड़ने के लिए 40 नई समितियां खोलने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा आरआईडीएफ में सात करोड़ 54 लाख की धनराशि स्वीकृत हो गई है। जिससे दुग्घ संघ की उपकरण, उत्पाद क्षमता को बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में जनपद चंपावत में पिछले 1 साल में मार्केटिंग दुगनी स्तर बड़ी है, इसे और बेहतर क्वालिटी के साथ उत्पादन को और अधिक बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

इस दौरान मुख्य विकास राजेंद्र सिंह रावत, दुग्घ प्रबंधक पुष्कर सिंह नगरकोटी, लीलाधर बिनवाल, एसएस बोहरा सहित अन्य लोग मौजूद रहे|

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