S&P ग्लोबल ने बताया अगले 7 साल में भारत भारत की इकोनामी 6.7 ट्रिलियन डॉलर होगी
4 अगस्त 2023 : साल 2031 तक देश की इकोनॉमी का साइज $6.7 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है. S&P ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत अगले 7 साल तक 6.7% की औसत ग्रोथ रेट के दम पर $3.4 ट्रिलियन की मौजूदा इकोनॉमी से $6.7 ट्रिलियन की इकोनॉमी बन सकता है. यानी लगभग दोगुना.FY23 के लिए भारत की GDP ग्रोथ 7.2% रही थी.
‘लुक फॉरवर्ड: इंडियाज मनी’ नाम की रिपोर्ट में S&P ग्लोबल ने कहा कि इस वित्त वर्ष FY24 के लिए वैश्विक मंदी और RBI के ब्याज दरों में बढ़ोतरी से भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 6% की रहेगी.FY24 में 6% की ग्रोथ रेट इस रिपोर्ट को S&P ग्लोबल रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट पॉल ग्रुएनवाल्ड, क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी और S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के चीफ इकोनॉमिस्ट एशिया पैसेफिक राजीव बिस्वास ने मिलकर तैयार किया है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘हमारे अनुमान के मुताबिक FY24 से FY31 तक भारत की औसत ग्रोथ 6.7% की रहेगी, जिसके अनुसार FY23 में भारत की $3.4 ट्रिलियन की GDP बढ़कर $6.7 ट्रिलियन की हो जाएगी. इसी दौरान पर कैपिटा GDP बढ़कर $4,500 हो जाएगी.’रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पूंजी संचय भारत की इकोनॉमी को रास्ते पर ले जाएगा, देश जिसकी इच्छा रखता है. सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े प्राइवेट सेक्टर में भरपूर निवेश कर रही है. क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, ‘FY26 में भारत अपनी ग्रोथ के चरम पर होगा.’ रिपोर्ट में कहा गया कि गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) में भारत को शानदार उछाल देखने को मिलेगा. इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्टसी कोड (IBC) में बदलाव से भी इस ग्रोथ में बढ़ावा मिलेगा. अगले एक दशक में भारत के सामने स्थिर ग्रोथ और वर्किंग एरिया में लोगों, खासकर महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने की चुनौती होगी. इसके साथ ही स्किल्स को बेहतर करना, मैन्युफैक्चरिंग में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ाना और फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) के जरिए कॉम्पिटीशन को सुदृढ़ करना होगा.