कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के बावजूद भूमि कब्जाने का एक बार फिर प्रयास
कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के बावजूद भूमि कब्जाने का एक बार फिर प्रयास
देहरादून। चुनाव आर्दश आचार संहिता को देखते हुए देहरादून जनपद में जिलाधिकारी द्वारा धारा 144 लागू की गई है। किसी भी विधानसभा क्षेत्र में 5 से ज्यादा लोगों इक्कठा होने की सख्त मनाही है। कोविड के बढ़ते मामलों को देखेते हुए सभी देहरादून में सकती जा रही है। ऐसे में दलित व्यक्ति विनोद कुमार की जमीन पर एक बार कब्जे का प्रयास किया गया। जहां बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में नेहरू कालोनी पुलिस थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान सत्ताधारी दल के दवाब में आरोपियों का साथ देते हुए दिखाई दिये।
विनोद कुमार का कहना है कि मेरी भूमि मौजा डांडा धरमपुर, बद्रीश कॉलोनी, निकट शारदा पब्लिक स्कूल देहरादून में है। जिसमें मैं और मेरे साथ कई अन्य लोग पिछले 30 वर्षाें यानि 1992 से काबिज हैं। इसके साथ ही कई अन्य लोग पिछले 8-10 साल से काबिज है। मेरी इस भूमि पर स्थानीय भाजपा से पार्षद कमली भट्ट व इसके साथियों की नजर है। यह लोग कई बार मेरी भूमि पर कब्जे का प्रयास कर चुके हैं। पार्षद कमली भट्ट व उसके साथ अन्य कुछ लोगों द्वारा मुझे व जमीन पर काबिज अन्य लोगों को लंबे समय से परेशान किया जा रहा है। जिसके बाद मैने इस मामले में कार्रवाही को लेकर स्थानीय नेहरू कालोनी पुलिस से भी कई बार गुहार लगाई। लेकिन पुलिस सत्ताधारी दल के प्रभाव में काम करती हुई दिखाई दे रही है। जिसके बाद मैने इस पूरे मामले को लेकर देहरादून माननीय सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर किया। मामले में सुनाई चल रही है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस पूरे मामले में मेरे द्वारा नगर निगम के अपर नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा, कमली भट, अतुल शर्मा, राकेश डोभाल, राज सिंह रावत आदि को पक्षकार बनाया गया है। इन सभी लोगों को माननीय न्यायालय द्वारा नोटिस भेजे जा चुके हैं। इनमें से किसी के द्वारा भी अभी तक न्यायालय में कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है।
विनोद कुमार का कहना है कि बावजूद इसके आज फिर दूसरी बार मुझे व अन्य लोगों को बिना बताये नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ मिलकर मेरी भूमि पर कब्जा करने का दूसरी बार प्रयास किया। आज 11 जनवरी 2022 को लगभग 3 बजे के आस-पास नगर निगम की टीम जेसीबी व साथ में पुलिस बल लेकर मेरी जमीन पर पहुंची व मकानों व लोहे की सुरक्षा बार्ड को तोड़ने लगी। मेरे व वहां रह रहे अन्य लोगों द्वारा पुलिस व नगर निगम टीम की इस कार्रवाही का विरोध किया गया। पुलिस ने वहां मौजूद थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी के कहने पर हमारे साथ जोर जबरदस्ती व मार पिटाई की गई। जिसमें कई नाबालिग लोगों को भी चोटे आई हैं। हमारे द्वारा सभी का मेडिकल कराया गया है। दलित और गरीब हूं इसलिए मुझे परेशान किया जा रहा है। विनोद कुमार के वकील विकेश सिंह नेगी का पूरे मामले पर कहना है कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए नगर निगम व पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है। विकेश सिंह नेगी का कहना है कि जिस खसरा नंबर 612 की बात नगर निगम द्वारा अपना बताने की बात कही जा रही है वह गलत है। क्योंकि 612 खसरा नंबर कई लोगों के नाम दर्ज है और जंगल शाल में दर्ज है। नगर निगम का यहां कोई खाता नहीं है। धर्मपुर डांडा में नगर निगम के नाम पर खाता संख्या 482/1 दर्ज है। इसके अलावा कोई खाता दर्ज नहीं है। दलित व्यक्ति विनोद व अन्य लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर जानकर परेशान किया जा रहा है। नगर निगम की टीम व पुलिस की असंवैधानिक कार्रवाई को लेकर वह न्यायालय को अवगत करायेंगे। दलित विनोद कुमार व अन्य लोगों को न्याय जरूर मिलेगा।