देहरादून: रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना पर प्रशासन ने बढ़ाई गति

देहरादून, 19 मई 2025—राजधानी देहरादून में ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना को मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के तहत तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित कर संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए।
योजना का उद्देश्य और प्रशासन की भूमिका
- जिला प्रशासन पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर परियोजना को आगे बढ़ा रहा है।
- प्रभावित परिवारों, भूमि और पुनर्वास से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- सर्वेक्षण, फ्लाईओवर निर्माण, पुनर्वास और मुआवजा वितरण में प्रशासन फ्रंटलाइन पर रहेगा।
कॉमन वर्किंग एरिया तैयार
डीएम के निर्देश पर रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर की समन्वित कार्यवाही के लिए आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार किया गया है। यहां एसडीएम और परियोजना से जुड़े सभी नोडल अधिकारी एक ही छत के नीचे कार्य करेंगे।
भूमि अधिग्रहण और सीमांकन कार्य तेज
- आरओडब्ल्यू और सीमांकन कार्यवाही तेजी से चल रही है।
- बिंदाल कॉरिडोर में 7.00 हेक्टेयर भूमि पर नदी प्रदर्शित हो रही है, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में इसे निजी स्वामित्व में दिखाया गया है।
- वन विभाग को प्रभावित वन भूमि हस्तांतरण, वृक्षों के पातन और ट्रांसप्लांटेशन में सहयोग के निर्देश दिए गए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों और संरचनाओं का विवरण
- रिस्पना एलिवेटेड रोड: कुल प्रभावित भूमि 44.82 हेक्टेयर, जिसमें 42.64 हेक्टेयर सरकारी और 2.17 हेक्टेयर निजी भूमि शामिल है।
- बिंदाल एलिवेटेड रोड: कुल प्रभावित भूमि 43.91 हेक्टेयर, जिसमें 25.79 हेक्टेयर सरकारी, 18.11 हेक्टेयर निजी और 1.96 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है।
- रिस्पना कॉरिडोर की लंबाई 9 किमी और बिंदाल कॉरिडोर की लंबाई 10 किमी होगी।
सेना की भूमि और अन्य तकनीकी पहलू
- बिंदाल कॉरिडोर का 2295 मीटर हिस्सा सेना की भूमि से गुजरता है।
- आईआईटी रुड़की द्वारा हाइड्रोलॉजिकल मॉडल स्टडी पूरी कर ली गई है।
- राजस्व विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
डीएम का निर्देश और आगे की योजना
जिलाधिकारी ने नगर निगम, एमडीडीए, यूपीसीएल और अन्य विभागों को समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली परियोजना है, जिसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाएगा।