मुझे पूरा भरोसा है कि दर्शकों को हमारी मेहनत नजर आयेगी और वे इसकी सराहना करेंगे – शिव्या पठानिया
एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में एक बहुत ही जबरदस्त मोड़ आने वाला है, जिसमें शिव्या पठानिया द्वारा अभिनीत देवी पार्वती के दस देवी अवतारों को ‘दस महाविद्या‘ शीर्षक वाली आगामी भव्य कहानी के माध्यम से दिखाया जायेगा। इन दस अवतारों में देवी काली, देवी तारा, त्रिपुरा सुंदरी, देवी भुवनेश्वरी, देवी छिन्नमस्तिका, देवी भैरवी, देवी धुमावती, देवी बगलामुखी, देवी मातंगी और देवी कमला शामिल हैं। दस महाविद्याओं की कहानी की शुरूआत देवी पार्वती को दारूका (कलाकार का नाम) से मुक्त कराने और बाल शिव (आन तिवारी) द्वारा कल्पवृक्ष को इंद्र (कलाकार का नाम) को स्वर्ग में वापस सौंपे जाने के बाद होगी। ताड़कासुर (कलाकार का नाम) कल्पवृक्ष को दोबारा जीतने के लिए हमला कर देता है और बाल शिव एवं इद्र द्वारा इसे बचाने के प्रयासों के बावजूद कल्पवृक्ष को नष्ट कर देता है। देवी सरस्वती बाल शिव को बताती हैं कि अब सिर्फ दस महाविद्यायें ही सृष्टि की रक्षा कर सकती हैं। कल्पवृक्ष के क्षतिग्रस्त होने के बाद अब सम्पूर्ण ब्रह्मांड पर संकट के बादल छा गये हैं।
दस महाविद्याओं की कहानी के बारे में बताते हुये शिव्या पठानिया ने कहा, ‘‘दस महाविद्याओं की कहानी दस देवी अवतारों पर आधारित है, जो देवी पार्वती के ही रूप हैं। इसकी शुरूआत मां काली के साथ होती है, जो मृत्यु, समय एवं परिवर्तन की देवी है और जिसे उनके भयंकर तथा दमदार व्यक्तित्व के लिये जाना जाता है। उसके बाद देवी तारा की कहानी दिखाई जायेगी, जो महाबुद्धि की देवी है और इसी तरह अन्य अवतारों की कहानी प्रदर्शित की जायेगी। इनमें शामिल हैं, देवी कमला- जोकि अपनी सौम्यता के लिये जानी जाती हैं और जिन्हें संपत्ति, भाग्य, शक्ति, सौंदर्य, उर्वरता और समृद्धि की देवी माना जाता है; देवी त्रिपुरा सुंदरी- जो देवी पार्वती का प्रशंसित रूप है और जिसे राजराजेश्वरी, शोदाशी, कामाक्षी और ललिता के रूप में भी जाना जाता है। इनके अलावा अन्य देवियां हैं- देवी भुवनेश्वरी- मां दुर्गा का एक रूप, देवी छिन्नमस्तिका- विरोधाभासों की देवी जोकि देवी के दोनों पहलुओं – जीवनदायिनी एवं जीवन लेने वाली का प्रतीक हैं, देवी भैरवी- जोकि भैरव की पत्नी हैं, देवी धुमावती- जिन्हें अक्सर एक अश्वहीन रथ पर सवार अथवा एक कौए पर विराजमान वृद्ध विधवा के रूप में दिखाया जाता है, देवी बगलामुखी- जिनके तीन नेत्र हैं और जो इस बात का प्रतीक हैं कि वो अपने भक्तों को परम ज्ञान दे सकती हैं तथा देवी मातंगी- जिन्हें संगीत और ज्ञान की देवी माना जाता है।‘‘
दस अलग-अलग देवियों का किरदार निभाने के अपने अनुभव के बारे में बताते हुये एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ की देवी पार्वती यानी कि शिव्या पठानिया ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा ही इस बात को अपना सौभाग्य माना है कि मुझे परदे पर देवी पार्वती की भूमिका निभाने का मौका मिला। ऐसा बहुत कम ही होता है, जब किसी कलाकार को एक ही कहानी में दस अलग-अलग देवी अवतारों को निभाने का मौका मिला हो। यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और साथ ही बेहद चुनौतीपूर्ण भी है। हर देवी के लुक में आने के लिये काफी समय और ढेर सारा प्रयास लगता है। लेकिन यह मेहनत रंग लाई है और मुझे इससे बहुत कुछ सीखने को भी मिला। मैंने जब भी किसी देवी के किरदार को परदे पर निभाया, मुझे अपने अंदर एक अलौकिक अनुभूति का अहसास हुआ, जिससे मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और हर किरदार को बेहद खूबसूरती के साथ परदे पर उतारने का आत्मविश्वास भी मिला। लेखक, निर्देशक, क्रिएटिव टीम, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, मेकअप आर्टिस्ट सहित पूरी टीम ने देवी अवतारों को इतनी भव्यता के साथ परदे पर उतारने के लिये काफी मेहनत से काम किया है। हर अवतार की एक उम्दा कहानी और एक बिल्कुल अलग लुक है, जिसे देखकर दर्शकों को बहुत अच्छा लगेगा और यह उनके लिये एक रोमांचक अनुभव होगा। मेकअप और कॉस्ट्यूम्स के अलावा, मुझे अपनी अभिव्यक्ति और डायलॉग्स पर भी बहुत काम करना पड़ा और इसका परिणाम वाकई में बहुत अच्छे से निखर कर आया। मुझे पूरा भरोसा है कि दर्शकों को हमारी मेहनत नजर आयेगी और वे इसकी सराहना करेंगे एवं इस पूरी कहानी का आनंद उठायेंगे।‘‘