भारत का गेमिंग स्वर्णिम दशक: विन्‍जो और आईईआईसी रिपोर्ट में 60 बिलियन डॉलर के बाजार, 2 मिलियन नौकरियों और 26 बिलियन डॉलर के आईपीओ बूम का अनुमान

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देहरादून-19 मार्च, 2025: विन्जो गेम्स (WinZO), भारत के सबसे बड़े इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म, और इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल (आईईआईसी) द्वारा गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (जीडीसी) में जारी नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां सार्वजनिक बाजार में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही हैं। अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यह कंपनियां निवेशकों के लिए 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का मूल्य जनरेट करेंगी।

जीडीसी, सैन फ्रांसिस्को में इंडिया पैवेलियन के दूसरे संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर आज लॉन्च की गई 2025 इंडिया गेमिंग मार्केट रिपोर्ट में भारत के 3.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर की मजबूत वृद्धि के कारकों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-29 के दौरान 19.6% की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने की संभावना है और 2029 तक यह 9.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा छूने के लिए तैयार है। इस रिपोर्ट को भारत के महावाणिज्यदूत डॉ. श्रीकर रेड्डी, विन्‍जो के सह-संस्थापक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा द्वारा लॉन्च किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की एकमात्र सूचीबद्ध गेमिंग कंपनी नज़ारा टेक्‍नोलॉजीज को वैश्विक स्तर पर सूचीबद्ध गेमिंग कंपनियों में सबसे अधिक प्रीमियम दर्जा प्राप्‍त है। यदि मौजूदा 3.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारतीय गेमिंग बाजार पर समान वैल्यूएशन मल्टीपल लगाए जाएं, तो इसमें आईपीओ के माध्यम से 26 बिलियन डॉलर तक की पूंजी जुटाने की क्षमता है। 2029 तक बाजार के 9.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने पर, यह निवेशकों के लिए 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य को उजागर करेगा।

रिपोर्ट में भारतीय गेमिंग सेक्टर के मजबूत फंटामेंटल्स का हवाला दिया गया है। भारत में 591 मिलियन गेमर्स (वैश्विक गेमर्स का 20%) हैं, लगभग 11.2 बिलियन मोबाइल गेम ऐप डाउनलोड हैं, जो गूगल प्लेस्टोर के मजबूत उभरते विकल्प हैं, और 1,900 गेमिंग कंपनियां हैं, जो 130,000 उच्च कुशल पेशेवरों को नौकरी देती हैं। इस सेक्टर को 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है, जिसमें से भारतीय गेमिंग परिसंपत्तियों को सफलतापूर्वक मॉनेटाइज्ड करने की इसकी क्षमता को देखते हुए 85% एफडीआई पे-टू-प्ले सेगमेंट में लगाया गया है, जो कभी भारतीय गेमिंग सेक्टर के लिए एक लंबा मुद्दा था। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है, और यहाँ गेम डेवलपर भी बढ़ रहे हैं। सरकार ने भी ऐसे नियम बनाए हैं जिससे गेमिंग उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है। इस वजह से, 2034 तक भारत का गेमिंग बाजार 60 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। इससे 20 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी, और विदेशी कंपनियां भी भारत में पैसा लगाएंगी। भारत में बने गेम दूसरे देशों में भी बेचे जाएंगे। 2029 तक, लगभग 95 करोड़ लोग भारत में ऑनलाइन गेम खेलेंगे, जिससे भारत दुनिया के सबसे बड़े गेमिंग देशों में से एक बन जाएगा।

डॉ. श्रीकर रेड्डी (सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्यदूत) ने कहा, “भारत का गेमिंग और टेक्‍नोलॉजी का क्षेत्र बहुत तेजी से बदल रहा है। भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, वहाँ गेमिंग सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि नई तकनीक, नौकरियों और निवेश का एक बड़ा जरिया बन रहा है। इंडिया गेमिंग मार्केट रिपोर्ट में पता चला है कि भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग निवेशकों के लिए 25-30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का फायदा दे सकता है। माननीय प्रधानमंत्री ने डिजिटल सुविधाओं और नई तकनीकों को बढ़ावा देकर भारत को टेक्नोलॉजी और गेमिंग के क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे लाने में मदद की है।”

विन्‍जो के पवन नंदा ने कहा, “भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से तरक्‍की कर रहा है। 2029 तक इसका कुल बाजार आकार 9.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है और इस दौरान यह निवेशकों के लिए 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक का मूल्य जनरेट कर सकता है। इंडिया गेमिंग मार्केट रिपोर्ट और जीडीसी में इंडिया पैवेलियन, दोनों ही वैश्विक गेमिंग परिदृश्य में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाते हैं, जो घरेलू गेमिंग कंपनियों के नवाचार और उनकी पहुंच को उजागर करता है। तकनीकी नवाचार, आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) निर्माण और यूजर्स से जुड़ाव बनाने के क्षेत्र में अपनी सीमाओं को लगातार आगे बढ़ाते हुए, विन्‍जो भारत को एक वैश्विक गेमिंग पावरहाउस बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

आईजीएमआर 2025: भारत के गेमिंग उद्योग में अपार संभावनाएँ
आईजीएमआर 2025 रिपोर्ट बताती है कि भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार, जो ज्यादातर मोबाइल पर खेला जाता है और युवाओं द्वारा चलाया जाता है, बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अभी यह बाजार दुनिया के कुल गेमिंग बाजार का सिर्फ 1.1% है, लेकिन इसमें आगे बढ़ने की बहुत संभावना है। भारतीय गेमर्स अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में बने आसान और छोटे गेम्स को ज्यादा पसंद करते हैं। इस वजह से, मेड इन इंडिया गेम्स पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहे हैं। भारतीय गेम कंपनियों के बनाए गेम्स दूसरे देशों में भी बेचे जा रहे हैं, जो इस विकास में बहुत महत्वपूर्ण है। जीडीसी में इंडिया पैवेलियन और भारतीय गेम बनाने वालों का प्रदर्शन अब विन्‍जो द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण परंपरा बन गई है। यह भारतीय गेम डेवलपर्स को दुनिया भर के गेमिंग समुदाय से जोड़ता है।

यह रिपोर्ट जीडीसी (गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस) के इंडिया पैवेलियन में लॉन्च की गई, जो दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग सम्मेलन है। यह मंच भारत के गेमिंग इकोसिस्टम में विशेषज्ञता और नवाचार को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है, जहां विन्‍जो जैसी प्रमुख कंपनियों से लेकर इंडी डेवलपर्स तक सभी को अपने गेम प्रदर्शित करने का अवसर मिला। इंडिया पैवेलियन को विन्‍जो, भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, गेम डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (जीडीएआई) और नज़ारा टेक्‍नोंलॉजीज के संयुक्त प्रयासों से स्थापित किया गया।

विन्‍जो द्वारा प्रदर्शित गेम डेवलपर्स कंपनी की प्रमुख गेम डेवलपमेंट प्रतियोगिता “भारत टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम” के तीसरे संस्करण के विजेता थे। इस प्रतियोगिता के तहत, विजेता डेवलपर्स को दुनिया के सबसे बड़े गेमिंग सम्मेलनों में अपने गेम प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है। इस पहल का उद्देश्य भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेम डेवलपर्स को मेंटरशिप, संसाधन और वैश्विक एक्सपोज़र प्रदान कर सशक्त बनाना है। इस वर्ष के विजेताओं ने जीडीसी के इंडिया पैवेलियन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और वे भारत में अप्रैल 2025 में होने वाले ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ और मई 2025 में आयोजित होने वाले ‘वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्‍स)’ में भी अपने गेम प्रदर्शित करेंगे।

 

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