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भारत-नेपाल सीमा पर एक बार फिर तनावपूर्ण स्थिति, नेपाल की तरफ से शुरु की गई पत्थरबाजी

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पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा पर एक बार फिर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई. नेपाल के ग्रामीणों ने एक बार फिर भारत की ओर पथराव किया है.

बुधवार को अधिकारियों नें मामले की जानकारी दी. जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम को भारतीय पक्ष के मजदूर काली नदी के भारतीय हिस्से पर एक तटबंध बना रहे थे, जो नेपाल और भारत के बीच सीमा के रूप में कार्य करती है. तभी नेपाल की तरफ से पत्थरबाजी शुरु कर दी गई. वहां के एक स्थानीय नागरिक ने कहा, जैसे ही पथराव शुरू हुआ, भारतीय कार्यकर्ता खुद को बचाने के लिए दूसरे स्थान पर भागने लगे. हालांकि कुछ ही देर बाद पथराव बंद भी हो गया.धारचूला के ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी ने कहा कि पिछले 50 दिनों में भारतीय श्रमिकों पर पथराव की लगभग एक दर्जन घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा, “नेपाली नागरिकों को ऐसे तत्वों को रोकने के लिए आगे आना चाहिए जो दोनों पक्षों के बीच पारंपरिक सद्भाव को खराब कर रहे हैं. भारत पक्ष धारचूला शहर को मानसून की बाढ़ से बचाने के लिए भारत की ओर काली नदी पर 985 मीटर का तटबंध बना रहा है.धारचूला निवासी कृष्णा गरबियाल ने बताया कि, “नेपालियों ने पहले ही अपनी तरफ 5 किलोमीटर लंबी सुरक्षा दीवार बना ली है.जबकि वह दीवार निर्माणाधीन थी, हमने कोई आपत्ति नहीं जताई.वे अब हमारे लिए यहाँ क्यों समस्याएँ पैदा कर रहे हैं.” पिछले साल 4 दिसंबर को ही इसी इलाके में नेपाल की तरफ के ग्रामीणों ने भारत की तरफ पथराव किया था. घटना के एक दिन बाद, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और काली नदी पर सीमा पुल को अवरुद्ध कर दिया. उत्तराखंड पुलिस ने बाद में अज्ञात नेपाली नागरिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिन्होंने काली नदी पर तटबंध के निर्माण में लगे भारतीय पक्ष के श्रमिकों पर कथित रूप से पत्थर फेंके थे. इस मामले में दोनों देशों के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक और निरीक्षण तक हो चुका है. इसके बाद भी नेपाल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. जिस से धारचूला के लोग काफी अक्रोशित है. उपजिलाधिकारी दिवेश शाशनी ने बताया कि पथराव की घटना के बारे में पता लगाया जा रहा है.

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