भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस को जोड़ने पर काम करने की जरूरत है : गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को बड़ा झटका देते हुए प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. आजाद ने इस्तीफा देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का एक शिकायती पत्र भी लिखा है. इस चिट्ठी के जरिए आजाद ने न केवल पार्टी के भविष्य पर सवाल उठाए हैं बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी बड़ा हमला बोला है. पत्र में आजाद ने कहा है कि दुर्भाग्य से जब से पार्टी की कमान राहुल गांधी ने अपने हाथों में ली है तब से पार्टी में बातचीत का पूरा खाका ही ध्वस्त हो गया हैगुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस अब सही दिशा में लड़ाई लड़ने की इच्छा शक्ति पूरी तरह से खो दी है. सही मायने में कांग्रेस ने संघर्ष करना ही छोड़ दिया है .गुलाम नबी आजाद ने पत्र में कांग्रेस में बिताए पांच दशक का भी जिक्र किया. उन्होंने एक ओर जहां इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव गांधी की तारीफ की वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल भी उठाए. उन्होंने कहा कि साल 2013 में जब राहुल गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया तब से पार्टी के अंदर बातचीत का पूरा खाका ही ध्वस्त हो गया है. आजाद ने कहा, राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया है. कांग्रेस के साथ जुड़े नए और अनुभवहीन नेता पार्टी के अहम मुद्दों पर अपनी राय दे रहे हैं. जब से अनुभवहीन नेताओं की राय ली जा रही है तब से ही कांग्रेस को चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है. साल 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब से राहुल गांधी को पार्टी का प्रमुख चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा गया है तब से साल 2014 से 2022 के बीच 49 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और पार्टी को 39 विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. इस दौरान कांग्रेस को 4 राज्यों में जीत हासिल हुई है तो 6 राज्यों में सहयोगी दलों की सरकार है. मौजूदा समय में कांग्रेस केवल दो राज्यों में ही सत्ता में बनी है.