8वें वेतन आयोग पर संशय: ToR में तारीख न होने से कर्मचारियों-पेंशनर्स में चिंता
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (CPC) के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी कर दिया है, लेकिन इसमें सिफारिशों के लागू होने की तारीख का उल्लेख न होने से देशभर के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स में असमंजस और चिंता बढ़ गई है।
10 साल की परंपरा पर सवाल
अब तक चौथे (1986), पांचवें (1996), छठे (2006) और सातवें वेतन आयोग (2016) की सिफारिशें हर 10 साल में 1 जनवरी से लागू होती रही हैं। इसी वजह से कर्मचारी और पेंशनर्स यह मान रहे थे कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 1 जनवरी, 2026 से लागू होंगी। लेकिन ToR में तारीख का उल्लेख न होने से यह आशंका पैदा हो गई है कि सरकार इस परंपरा को बदल सकती है।
संगठनों की आपत्ति
ToR जारी होने के बाद तीन बड़े कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने कहा है कि ToR में कई महत्वपूर्ण मुद्दे गायब हैं और पेंशनर्स के हितों की अनदेखी की गई है। BPS ने मांग की है कि ToR में स्पष्ट रूप से लिखा जाए कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू हों।
पेंशन स्कीमों पर पुनर्विचार की मांग
देशभर में 2004 के बाद भर्ती हुए लगभग 26 लाख कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। BPS ने सरकार से NPS, UPS और OPS का रिव्यू करने और कर्मचारियों-पेंशनर्स के लिए बेहतर और सुरक्षित विकल्प देने की अपील की है।
👉 यह विवाद अब कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच एक बड़े मुद्दे के रूप में उभर रहा है। सरकार की ओर से स्पष्ट तारीख न दिए जाने से भरोसे की कमी और असमंजस बढ़ रहा है।
