शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है , देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है उसमें शिक्षा की अहम भूमिका है : पीएम मोदी
नई दिल्ली 29 जुलाई 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडमप में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आने वाले समय में देश के सभी सीबीएसई स्कूलों में एक पाठ्यक्रम लागू होगा, जिसके लिए 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा रही हैं. इस दौरान पीएमश्री योजना की पहली किस्त भी जारी की. पीएम मोदी ने कहा, शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है. देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है उसमें शिक्षा की अहम भूमिका है. आप इसके प्रतिनिधि हैं. अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है.
पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को संतुलित तरीके से महत्व दिया है. रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए देश के शिक्षाविदों ने बहुत मेहनत की है. हमारे विद्यार्थी नई व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित हैं. वे जान गए हैं कि 10+2 एजुकेशन सिस्टम की जगह, 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लाई जा रही है. पढ़ाई की शुरुआत 3 साल की उम्र से शुरू होगी. इससे देश में एकरुपता आएगी.
पीएम मोदी ने कहा, युवाओं की उनकी प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना, उनके साथ सबसे बड़ा अन्याय है. मातृभाषा में पढ़ाई होने से अब भारत के युवा टैलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है. ये सामाजिक न्याय का भी अहम कदम है.
पीएम मोदी ने कहा, दुनिया के ज्यादातर विकसित देशों ने अपनी भाषा की बदौलत बढ़त हासिल की है. हमने अपनी भाषाओं को पिछड़ेपन के तौर पर पेश किया, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है? कोई कितना भी इनोवेटिव माइंड क्यों न हो, वो अंग्रेजी न बोलना जानता हो, उसकी प्रतिभा को स्वीकार नहीं किया जाता था. इसका सबसे बड़ा नुकसान ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उठाना पड़ता था.
राष्ट्रीयशिक्षा नीति के जरिए इस हीन भावना को पीछे छोड़ने की शुरुआत कर दी है. मैं तो यूएन (संयुक्त राष्ट्र) में भी देश की भाषा बोलता हूं. समझने वाले को ताली बजाने में देर लगेगी लेकिन कोई बात नहीं. मातृभाषा में शिक्षा से न केवल युवाओं की प्रतिभा सामने आई बल्कि भाषा की राजनीति करके अपनी दुकान चलाने वालों का शटर भी डाउन हो जाएगा.