रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में हुए भूस्खलन हादसे में तीन शव बरामद किए गए , 17 लोग अभी भी लापता – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में हुए भूस्खलन हादसे में तीन शव बरामद किए गए , 17 लोग अभी भी लापता

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4 अगस्त 2023 :  केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड डाट पुलिया के पास भूस्खलन होने के चलते 20 लोग लापता हो गए। इनमें से तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि 17 लोग अभी भी लापता चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ लोग मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में बह गए हैं, जिनकी खोज को लेकर मंदाकिनी से लेकर अलकनंदा नदी में सर्च अभियान जारी है। अंधेरा होने के कारण सर्च अभियान को रोका गया है। सुबह छह बजे प्रारंभ होगा। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश में आठ अगस्त के लिए ऑरेंज-येलो अलर्ट जारी किया गया है।

गौरीकुंड में डाटपुलिया के समीप गुरुवार रात्रि लगभग 12 बजे के आस-पास भूस्खलन हो गया था। भूस्खलन के कारण सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग किनारे स्थित तीन दुकानें मंदाकिनी नदी में समा गई। जिस समय यह हादसा हुआ। रात के समय तेज बारिश होने के कारण रेस्क्यू अभियान चलाने में काफी दिक्कतें आई। सुबह के समय रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। इस दौरान नदी से तीन लोगों के शवों को खाई से निकाला गया। उनकी शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है।

बाकी 17 लोगों की खोजबीन जारी है। घटना में लापता 14 लोग नेपाली मूल के हैं जबकि दो लोग उत्तर प्रदेश और तीन लोग स्थानीय निवासी हैं। सर्च अभियान अंधेरा होने के कारण 6.30 बजे रोका गया। वह शनिवार सुबह 6 बजे से सर्च अभियान प्रारंभ होगा।

लापता चल रहे लोगों में कुछ बच्चे और युवा भी शामिल हैं। ये सभी लोग गौरीकुंड में दुकान व ढाबा का संचालन करके रोजगार करते थे। जनपद के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि गौरीकुंड से श्रीनगर तक लापता लोगों की खोजबीन को लेकर मंदाकिनी एवं अलकनंदा नदी में सर्च अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। दोपहर के समय डीएम डॉ. सौरभ गहरवार और एसपी डॉ बिशाखा भदाणे भी घटना स्थल पर पहुंचे। मौसम खराब होने और जगह-जगह हाईवे पर बोल्डर आने के बाद केदारनाथ के दर्शन करने के बाद गौरीकुंड आये यात्रियों को अग्रिम आदेश तक सुरक्षित रोक दिया गया। दोपहर बाद गौरीकुंड में रोके गये यात्रियों को सुरक्षित तरीके से सोनप्रयाग भेजा गया। अब मौसम पूरी तरह से सही होने पर ही यात्रियों को केदारनाथ भेजा जाएगा।

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