रामनगर सीट पर मामा-भांजा आमने-सामने
2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर हारने के बाद रणजीत रावत रामनगर में पूरी तरह से सक्रिय रहे हैं। लिहाजा उन्हें उम्मीद थी कि वह रामनगर से चुनाव जीतेंगे।
रामनगर में मामा-भांजे में होगी टक्कर
रामनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव लड़ने से अब यह हॉट हो गई। पहली बार होगा जब रामनगर सीट पर मामा-भांजा आमने-सामने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। हरीश रावत व दीवान सिंह बिष्ट आपस में मामा-भांजा हैं।
उत्तराखंड में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा भले ही घोषित न हुआ हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस समय कांग्रेस के लिए पूरे प्रदेश में सबसे बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में हरीश रावत के चुनाव लड़ने या लड़ाने को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है। रामनगर सीट पर हरीश रावत समर्थक पहले ही माहौल बनाने में लगे हुए थे। यह बात अलग है कि हरीश रावत के लिए रामनगर सीट पर रणजीत रावत ही सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं।
रणजीत रावत के हरीश रावत के साथ पारिवारिक संबंध होने के साथ ही पूर्ववर्ती रणजीत हरीश रावत सरकार में मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार हुआ करते थे, लेकिन 2017 के बाद दोनों की राह अलग हो गई। रामनगर से हरीश रावत के चुनाव लड़ रहे हैं तो यह सीट एक वजह से भी हॉट हो गई। भाजपा के प्रत्याशी दीवान सिंह बिष्ट पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के भांजे हैं। दोनों रिश्तेदार पहली बार आमने-सामने आ गए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों में जुबानी जंग दिलचस्प होने वाली है। दोनों रिश्तेदार होने के बाद भी एक दूसरे पर शब्दों के बाण चलाते हुए दिखेंगे।