कार्बेट टाइगर रिजर्व में वाइल्ड लाइफ सफारी जारी रहेगी लेकिन राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटन गतिविधियों पर रोक लग सकती है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के एक पत्र के सामने आने के बाद इस मामले में वन मुख्यालय ने रिजर्व पार्कों की स्थिति को स्पष्ट किया है।
इसके अनुसार, कॉर्बेट के कोर जोन ढिकाला में पर्यटन गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जबकि राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटन गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। रष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने 15 फरवरी को सभी टाइगर रिजर्व के लिए पत्र जारी कर कोर जोन में सफारी प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी टाइगर सफारी को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे थे। अब राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि एनटीसीए की ओर से ढिकाला में बाघ संरक्षण कार्ययोजना में ईको टूरिज्म के लिए अनुमोदित क्षेत्र में ही सफारी होती है। इसलिए एनटीसीए के पत्र से कॉर्बेट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कार्बेट के कोर जोन ढिकाला के जिस क्षेत्र में सफारी होती है, वह टाइगर कंजर्वेशन प्लान के तहत ईको टूरिज्म में पहले ही स्वीकृत है।
दूसरा मामला राजाजी टाइगर रिजर्व का है। जिसमें अब तक टाइगर कंजर्वेशन प्लान नहीं बना है। जबकि किसी भी टाइगर रिजर्व में कंजर्वेशन प्लान के तहत ही पर्यटन गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं। इस हिसाब से राजाजी में फिलहाल पर्यटन गतिविधियां संचालित नहीं की जा सकती हैं। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि राजाजी में टाइगर रिजर्व में कंजर्वेशन प्लान बनाने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही इसे शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।