भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों हेतु कार्यशाला का आयोजन
जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में निदेशक देहरादून शाखा भारतीय मानक ब्यूरो सुधीर बिश्नोई ने भारतीय मानक ब्यूरो की गतिविधियों के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्यशाला में मुख्यतः माननकीकरण, वस्तुओं की खरीद में मानकों का प्रयोग, गुणवत्ता नियन्त्रण के लिए प्रमाणन अनुरूपता मूल्यांकन, हाॅलमार्किंग, रजिस्टेªशन, उपभोक्ता संरक्षण तथा प्रशिक्षण से सम्बन्धित जानकारी समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को दी गई। बिश्नोई ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरों की गतिविधियों की जानकारी राज्य सरकारों के विभागों को होनी आवश्यक है। कार्यशाला में बताया गया कि भारतीय मानक ब्यूरों के एप्प बीआईएस केयर के माध्यम से भी लोग किसी भी उत्पाद की समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते है। इस एप्प पर उपभोक्ता किसी उत्पाद या सेवा से सम्बन्धित शिकायत भी दर्ज करवा सकते है। यह एप्प गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
कार्यशाला में भारतीय मानक ब्यूरों की अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार के विभागों द्वारा भी उत्पादों एवं सेवाओं के क्रय के दौरान गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। आम लोगों में भी उत्पादों और सेवाओं के गुणवत्ता के बारे में जानकारी तथा उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूकता होनी जरूरी है। उत्तराखण्ड में उत्पाद प्रमाणन के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बीआईएस ने बताया कि राज्य में कुल आइएसआई लाइसेंसों की सख्या अभी तक 612 है। एमएसएमई लाइसेंसो की संख्या 386, व्रहत स्तरीय लाइसंेसों की संख्या 226, भारतीय मानक के तहत कवर किए गए उत्पादों की संख्या 151, स्वैच्छिक प्रमाणीकरण के तहत लाइसंेसों की संख्या 362 तथा अनिवार्य प्रमाणन के तहत लाइसेंसो की संख्या 250 है। कार्यशाला में प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन स्कीम तथा हाॅलमार्किंग के विषय में विस्तृत चर्चा की गई। बीआईएस ने जानकारी की उत्तराखण्ड में अभी हाॅलमार्किग हेतु तीन केन्द्र देहरादून, पिथौरागढ़ तथा पौड़ी गढ़वाल में है। बीआईएस राज्य में मुख्यतः माननकीकरण के संदर्भ में राज्य सरकार के अधिकारियों के क्षमता निर्माण में रूचि ले रहा है। बीआईएस द्वारा अपेक्षा की गई है कि राज्य सरकारे किसी भी खरीद या परियोजना को लागू करते समय विभागों को अनिवार्य रूप से भारतीय मानकों का उल्लेख करने के लिए कहकर मानक के अनुपालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।