बागियों को तो मना लेंगे, लेकिन जो नाराज होकर खामोश हैं?
विधानसभा चुनाव इस वक्त रोचक मोड़ पर है। भाजपा और कांग्रेस ने अपने बागियों को मनाने के लिए बिसात बिछाई हुई है। सवाल ये है कि इन बागियों को तो मना लेंगे, लेकिन पार्टियों के जो नेता नाराज होकर खामोश हैं, उनसे कैसे निपटेंगे।
दरअसल, भाजपा ने इस बार अपने कई विधायकों के टिकट काट दिए हैं। कांग्रेस ने भी कई उन दावेदारों को नाराज किया है जो कि पूरी तरह टिकट मिलने को लेकर आश्वस्त थे। यह विधायक, इनके कार्यकर्ता और वह दावेदार अपनी पार्टियों से बागी तो नहीं हुए। उन्होंने निर्दलीय या अन्य पार्टियों से नामांकन भी नहीं किया, लेकिन पार्टियों के लिए इन्हें मनाकर रखना बड़ी चुनौती साबित होगी।
दरअसल, यह ऐसे खामोश नेता हैं जो कि कहीं न कहीं असंतुष्ट हैं लेकिन अपनी नाराजगी बागियों की तरह खुलकर जाहिर नहीं कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियों ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए बड़े पैमाने पर कसरत शुरू की हुई है। अब सोमवार को नाम वापसी के बाद यह तो साफ हो जाएगा कि कितने बागियों को कौन मनाने में कामयाब रहा लेकिन इन खामोश असंतुष्ट नेताओं का असर दस मार्च को मतगणना में ही नजर आएगा।
पिछले चुनाव का विश्लेषण करें तो कई विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के कई असंतुष्ट खामोश नेताओं ने ही बाजी पलटी थी। कई सीटों पर पार्टियों के प्रत्याशी नजदीकी मुकाबले से हार गए थे। कई सीटों पर इन खामोश नेताओं की वजह से दूसरी पार्टियों के प्रत्याशी नजदीकी अंतर से जीते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को रूठे नेताओं को मनाने के लिए कपकोट और जागेश्वर का दौरा किया। कपकोट में बगावत पर उतरे पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया, जागेश्वर में पूर्व में चुनाव लड़ चुके सुभाष पांडे को मनाने में वह सफल रहे। बंद कमरों में बातचीत के बाद दोनों ही जगह रूठे नेता पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में कामक करने पर सहमत हो गए। सीएम ने जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना भी की और बाद में द्वाराहाट में जाकर जनसंपर्क भी किया।
पिछले चुनाव का विश्लेषण करें तो कई विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के कई असंतुष्ट खामोश नेताओं ने ही बाजी पलटी थी। कई सीटों पर पार्टियों के प्रत्याशी नजदीकी मुकाबले से हार गए थे। कई सीटों पर इन खामोश नेताओं की वजह से दूसरी पार्टियों के प्रत्याशी नजदीकी अंतर से जीते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को रूठे नेताओं को मनाने के लिए कपकोट और जागेश्वर का दौरा किया। कपकोट में बगावत पर उतरे पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया, जागेश्वर में पूर्व में चुनाव लड़ चुके सुभाष पांडे को मनाने में वह सफल रहे। बंद कमरों में बातचीत के बाद दोनों ही जगह रूठे नेता पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में कामक करने पर सहमत हो गए। सीएम ने जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना भी की और बाद में द्वाराहाट में जाकर जनसंपर्क भी किया।